राज्य सरकार और बीसीसीएल मिल कर ले रहा जान, कतरास खनन हादसे पर गरजे बाबूलाल
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने धनबाद के केशलपुर में हुई खनन दुर्घटना के लिए राज्य सरकार बीसीसीएल और डीजीएमएस को ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने प् ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, (कतरास) धनबाद। झारखंड के धनबाद जिले में लगातार हो रही खनन दुर्घटनाओं को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने हाल ही में केशलपुर मुंडा धौड़ा में हुई ज़मीन धंसने की घटना के बाद घटनास्थल का दौरा किया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की।
मरांडी ने इस घटना के लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार, बीसीसीएल प्रबंधन और डीजीएमएस (खदान सुरक्षा महानिदेशालय) को ज़िम्मेदार ठहराया है।
पीड़ित परिवारों का दर्द और मरांडी का वादा
केशलपुर मुंडा धौड़ा में जमीन धंसने के कारण कई घरों में दरारें आ गईं और कुछ घर ढह गए। इस हादसे में करीब 50 परिवार प्रभावित हुए हैं। प्रभावित परिवारों ने अपनी पीड़ा बाबूलाल मरांडी के सामने बयां की।
मरांडी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वह उनकी समस्याओं को राज्य सरकार के सामने रखेंगे और उनके पुनर्वास की व्यवस्था कराने के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे।
झारखंड सरकार और बीसीसीएल पर आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इस दुर्घटना को लेकर राज्य सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि धनबाद में बार-बार खनन दुर्घटनाएं हो रही हैं, लेकिन सरकार की नींद नहीं खुल रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना के लिए बीसीसीएल प्रबंधन और डीजीएमएस भी बराबर के दोषी हैं, क्योंकि उन्होंने समय रहते सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया। मरांडी ने मांग की है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
पुनर्वास की मांग और ज़मीन की उपलब्धता
मरांडी ने प्रभावित परिवारों के तत्काल पुनर्वास की मांग की है। उन्होंने कहा कि इन परिवारों को बसाने के लिए लगभग पाँच एकड़ ज़मीन की ज़रूरत है और बीसीसीएल और राज्य सरकार दोनों के पास ज़मीन की कोई कमी नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे कि इन परिवारों को न्याय मिले और उन्हें एक सुरक्षित जगह पर बसाया जाए।
पुलिस की मिली भगत से अवैध खनन
इस दौरान बाघमारा के विधायक शत्रुघ्न महतो ने भी बीसीसीएल प्रबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यदि प्रबंधन चाहता तो पहले ही इन लोगों का पुनर्वास करा देता, जिससे यह हादसा टल सकता था।
इस मौके पर भाजपा के अन्य नेता मौजूद थे, जिन्होंने प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। मौके पर स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासन पर जमकर सवाल उठाया। आरोप लगाया कि मिली भगत से अवैध खनन व हादसे हो रहे। मजदूरों की जान का मोल किसको है।

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