अपडेट हो जाइए, बाबा बैद्यनाथ की कृपा से देवघर की बन रही ये पांच खास पहचान
Baba Baidyanath Dham Deoghar देश-दुनिया में देवघर की पहचान बाबा बैद्यनाथ मंदिर को लेकर होती रही है। अब बाबा मंदिर के अलावा भी नई पहचान बन रही है। यहां एम्स चालू हुआ। इसके बाद इलाज के लिए झारखंड के साथ ही बिहार और पश्चिम बंगाल के लोग आ रहे हैं।

आरसी सिन्हा, देवघर। झारखंड का देवघर (Deoghar) । जब भी देवघर का नाम आता है तो लोगों के मन में बाबा बैद्यनाथ का मंदिर ( Baba Baidyanath Temple Deoghar आता है। इस मंदिर में द्वादश ज्योतिर्लिंग है। यहां पूजा करने के लिए हर साल देश-दुनिया से करोड़ों की संख्या में लोग आते हैं। इस शहर की पहचान बाबा बैद्यनाथ मंदिर के कारण ही होती है। अब बाबा बैद्यनाथ की कृपा से देवघर शहर की पहचान बदल रही है। यहां बाबा मंदिर में पूजा करने से इतर दूसरे काम से भी झारखंड के साथ ही पड़ोसी राज्य बिहार और पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। आने वाले दिनों में विदेश से भी यहां आने वालों की संख्या में वृद्धि होगी। आइए, जानते हैं बदलते दाैर में बाबा बैद्यनाथधाम देवघर की पांच नई खास खास पहचान।
- AIIMC Deoghar स्वस्थ समाज की कल्पना को साकार करने में झारखंड के देवघर में स्थापित एम्स मील का पत्थर साबित हो रहा है। संताल परगना जैसे पिछड़े इलाके के साथ साथ बंगाल और बिहार के लोगों को 26 अगस्त, 2021 से ओपीडी में चिकित्सीय सुविधा मिल रही है। 400 से अधिक मरीज देखे जा रहे हैं। अब तक 50 हजार से अधिक मरीज को ओपीडी से लाभ मिल चुका है। 2022 में 750 बेड का स्वीकृत अस्पताल जब शुरू होगा तब ओपीडी में मरीजों को देखने की संख्या भी बढ़ेगी। और आइपीडी (इंडोर पेसेंट डिपार्टमेंट) शुरू हो जाएगा। तब मरीजों को देखने के साथ उनको भर्ती किया जाने लगेगा। 750 बेड की सुविधा तो साल के अंत तक हो सकती है। फिलहाल मार्च या अप्रैल से तत्काल 300 बेड पर मरीजों की भर्ती शुरू करने में एम्स प्रबंधन सक्षम हो जाएगा। 1103 करोड़ की लागत से 237 एकड़ भू खंड पर एम्स देवघर में 2022 तक स्वीकृत निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। पूरा होते ही कभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एम्स देवघर में आइपीडी (इंडोर पेसेंट डिपार्टमेंट) का उदघाटन कर सकते हैं। एमबीबीएस की 100 सीट स्वीकृत है। 2021-22 में तीसरा बैच का नामांकन शुरू हो रहा है। एमबीबीएस में दो बैच का सत्र चल रहा है। पहला बैच में 50 दूसरे बैच में 62 और तीसरा बैच में पूरे स्वीकृत सीट पर नामांकन हो रहा है। 60 सीट बीएससी नर्सिंग का भी स्वीकृत है। एम्स से देवघर की नई पहचान बनी है।

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