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    Real Hero: देवदूत बन अरुण और धीरेंद्र ने मलबे से बचाई चार की जान, खुद भी हुए जख्मी

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 10:04 AM (IST)

    धनबाद के कोयलांचल एरिया लोदना में जर्जर क्वार्टर ढहने से हादसा हुआ। अरुण और धीरेंद्र ने हाथों से मलबा हटाकर चार लोगों की जान बचाई खुद जख्मी हुए। तीन महीने पहले भी ऐसा हादसा हुआ था लेकिन बीसीसीएल ने ध्यान नहीं दिया। झरिया विधायक रागिनी सिंह ने अस्पताल पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

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    अरुण और धीरेंद्र ने हाथों से मलबा हटाकर चार लोगों की जान बचाई।

    मोहन गोप, धनबाद लोदना आठ नंबर में हुए हृदयविदारक हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। पुराने जर्जर क्वार्टर के ढहने से दो बच्चों और दो युवकों सहित कई लोग मलबे में दब गए।

    इस दुखद घटना में क्षेत्र के दो नौजवान अरुण भुइयां और धीरेंद्र कुमार पासवान ने देवदूत की तरह मानवता की मिसाल पेश की। दोनों ने बिना किसी उपकरण के अपने हाथों से मलबा हटाकर चार लोगों की जान बचाई। इस दौरान वे खुद भी जख्मी हो गए, लेकिन हार नहीं मानी।

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    चारों घायलों को तुरंत झरिया के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।  

    हर ओर मची थी चीख पुकार 

    धीरेंद्र ने बताया कि घटना तब हुई जब एक पुराना जर्जर क्वार्टर अचानक ध्वस्त हो गया। इसके झटके से पास के दो अन्य क्वार्टर भी दरक गए और उनका मलबा भी गिर पड़ा। मलबे में कई लोग दब गए, जिनमें बच्चे और युवक शामिल थे।

    चारों ओर चीख-पुकार मच गई। सूचना मिलते ही आसपास के लोग दौड़े। धीरेंद्र और अरुण ने बिना समय गंवाए मलबा हटाना शुरू किया। उपकरण न होने के कारण उन्होंने अपने हाथों से ही मलबा हटाया, जिसमें वे घायल हो गए। फिर भी, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और एक-एक कर चार लोगों को मलबे से निकाला। इनमें एक ट्रैक्टर ड्राइवर, उसका खलासी, शंभू और एक बच्चा शामिल था।  

    तीन महीने पहले भी हुआ था हादसा

    धीरेंद्र ने बताया कि तीन महीने पहले भी इसी जगह एक जर्जर क्वार्टर ढहने से एक बच्ची मलबे में दब गई थी। तब बीसीसीएल प्रबंधन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। नतीजा, आज यह बड़ी घटना हो गई।

    इस हादसे में गोपाल और उनकी भांजी सुषमा की जान चली गई। बारिश से बचने के लिए मामा-भांजी क्वार्टर में छिपे थे, लेकिन तीनों जर्जर क्वार्टर उनके ऊपर ढह गए।

    गोपाल के पिता कृष्ण शर्मा निजी काम करते हैं और उनकी बेटी मैना देवी की बेटी सुषमा थी। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है।  

    झरिया विधायक ने लिया जायजा

    घटना की सूचना मिलते ही झरिया विधायक रागिनी सिंह एसएनएमएमसीएच पहुंचीं। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और शोक जताया।

    रागिनी सिंह ने कहा, "यह घटना बेहद दुखद है। पीड़ित परिवार के साथ हमारी पूरी सहानुभूति है। प्रशासनिक स्तर पर हरसंभव मदद की जाएगी।"