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    आगे-आगे देखिए, होता है क्‍या: भाजपा के साथ चलने वाली आजसू को भा रहा ममता और नीतीश का माॅडल

    By Deepak Kumar PandeyEdited By:
    Updated: Sat, 17 Sep 2022 11:56 AM (IST)

    आजसू भले भाजपा के साथ गठबंधन बनाकर राजनीति कर रही है लेकिन उसे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का माॅडल भा रहा है। विदित हो कि नीतीश कुमार एवं ममता बनर्जी भाजपा के खिलाफ एक मजबूत गठबंधन तैयार करने की कोशिश में हैं।

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    आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की दिल्ली में नीतीश कुमार से मुलाकात भी हो चुकी है।

    धनबाद [दिलीप सिन्हा]: आजसू भले ही झारखंड में भाजपा के साथ गठबंधन बनाकर राजनीति कर रही है, लेकिन उसे अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का माॅडल आकर्षित कर रहा है। विदित हो कि नीतीश कुमार एवं ममता बनर्जी देशभर में भाजपा के खिलाफ एक मजबूत गठबंधन तैयार करने की कोशिश में हैं।

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    आजसू का मानना है कि नीतीश कुमार और ममता बनर्जी के माॅडल को लागू कर झारखंडियों को उनका हक दिलाया जा सकता है। नीतीश कुमार केंद्र सरकार के पैटर्न पर बिहार में जातीय जनगणना करा रहे हैं। इधर ममता बनर्जी बंगाल में तृतीय व चतुर्थ वर्गीय पदों की बहाली प्रखंड व पंचायत स्तर पर कर रही है। यही दोनों माॅडल हैं, जिससे आजसू काफी प्रभावित है। आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की दिल्ली में नीतीश कुमार से मुलाकात भी हो चुकी है। चंद्रप्रकाश का कहना है कि रामगढ़ में 31 अक्टूबर को आयोजित पटेल जयंती समारोह में आमंत्रित करने के लिए वह नीतीश कुमार के पास गए थे। इसका कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।

    हेमंत सोरेन ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता तय करने एवं ओबीसी आरक्षण को बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया है। ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत करने के फैसले से भी आजसू बहुत खुश नहीं है। राजगंज के बगदहा में गुरुवार को प्रमंडलीय शपथ ग्रहण समारोह में आजसू यह स्पष्ट कर चुकी है। वह बिहार की तरह झारखंड में जातीय जनगणना कराना चाहती है। इसी आधार पर वह एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण लागू करना चाहती है। इसी तरह वह तृतीय और चतुर्थ वर्गीय पदों पर बहाली प्रखंड स्तर पर कराना चाहती है। यह फार्मूला बंगाल में ममता की सरकार लागू कर चुकी है।

    जब भी सरकार में आएंगे, दोनों व्‍यवस्‍था लागू करेंगे

    आजसू के गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी एवं गोमिया के विधायक लंबोदर महतो ने बताया कि नीतीश की तरह झारखंड के मुख्यमंत्री को राज्य में अपने स्तर पर जातीय जनगणना कराना चाहिए। जातीय जनगणना से ही यह स्पष्ट होगा कि सामाजिक स्तर पर कितने लोग हैं। उनकी आर्थिक व शैक्षणिक स्थिति कैसी है और उन्हें कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है। सांसद चंद्रप्रकाश ने बताया कि बंगाल में तृतीय व चतुर्थ वर्गीय पदों पर बहाली प्रखंड व पंचायत स्तर पर होती है। झारखंड में यदि इस व्यवस्था को लागू कर दें तो स्थानीय लोगों को नौकरी मिलेगी। आजसू जब भी सरकार में आएगी दोनों व्यवस्था झारखंड में लागू करेगी।