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    मस्जिद में अजान, मंदिर बेजान

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Fri, 05 May 2017 11:08 AM (IST)

    विवाद के कारण हैं। मंदिर के अंदर गर्भगृह में स्थापित किए जानेवाले भगवान को लेकर सब एकमत नहीं हैं।

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    मस्जिद में अजान, मंदिर बेजान

     धनबाद [मृत्युंजय पाठक]। विस्थापितों को बसाने के लिए झरिया विहार बेलगड़िया में बना 34.38 लाख का मंदिर दो साल से आपसी विवाद में बिना मूर्ति सूना पड़ा है। हालांकि, यहीं पर 17.31 लाख की लागत से बनी मस्जिद में पेश इमाम रख अजान शुरू कर दी गई है।

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    बलियापुर अंचल के बेलगड़िया में झरिया मास्टर प्लान के तहत 2009 में झरिया विहार टाउनशिप का निर्माण हुआ। 2352 आवास में आग एवं भू-धंसान प्रभावित परिवारों को बसाया गया। और 10 हजार आवास का निर्माण चल रहा है। झरिया मास्टर प्लान की क्रियान्वयन एजेंसी झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार (जेआरडीए) ने पुनर्वासित परिवारों के लिए यहां मंदिर और मस्जिद का साथ साथ निर्माण कराया है।

    मंदिर में विवाद के कई कारण:

    विवाद के दो-तीन कारण हैं। चूंकि,हिंदू धर्म में 33 कोटि देवी-देवता हैं। ऐसे में मंदिर के अंदर गर्भगृह में स्थापित किए जानेवाले भगवान को लेकर सब एकमत नहीं हैं। पुजारी की नियुक्ति और मंदिर संचालन समिति को लेकर भी विवाद है। एक साल पहले जेआरडीए के प्रयास से फरवरी 2016 में मंदिर में शिवलिंग स्थापित करने का निर्णय लिया गया था।

    इसके लिए श्री शिवधाम मंदिर संचालन समिति गठित की गई। प्रकाश भुइयां को अध्यक्ष, बुंदेश्वर पासवान को सचिव और मुन्नी देवी को कोषाध्यक्ष बनाया गया था। बैंक एकाउंट भी खोल दिया गया। जेआरडीए की पहल पर समिति के लोग शिवलिंग की खरीदारी करने के लिए वाराणसी जाकर कोटेशन भी ले आए। इसके बाद कुछ लोगों ने विवाद खड़ा कर दिया। इस कारण मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो सकी। इस आशय से इसका निर्माण हुआ था कि विवाह व अन्य आयोजन में इसका सामुदायिक उपयोग हो सकेगा।

    दूसरी तरफ विस्थापितों की मस्जिद के संचालन के लिए न्यू गौसिया अंजुमन कमेटी बेलगड़िया गठित की गई है। कमेटी ने पेश इमाम के रूप में हाफिज मोहम्मद मेराज आलम की नियुक्ति की है। पेश इमाम अजान कराने के साथ ही आस-पास के छोटे बच्चों को पढ़ाते भी हैं। कमेटी के सदर हारून रसीद बताते हैं कि दो साल से मस्जिद में अजान हो रही है।

    यह संवेदनशील मामला है। हम जोर नहीं दे सकते कि मंदिर के अंदर किस भगवान की मूर्ति लगे और कमेटी में कौन लोग हों। प्रबंधन बेलगड़िया के लोगों को करना है। इस मामले को आयुक्त हजारीबाग की अध्यक्षता में होने वाली जेआरडीए बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा।

    विजय कुमार गुप्ता, प्रभारी, आरएंडआर, जेआरडी 
     

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