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Ramrajya: लॉकडाउन में यह किताब पढ़ रहीं पूर्णिमा नीरज सिंह, अभिनेता आशुतोष राणा ने किया धन्यवाद

Ramrajya आशुतोष राणा की पुस्तक रामराज्य को इन दिनों पूर्णिमा नीरज सिंह पढ़ रही हैं। 21 अप्रैल को रामनवमी थी। इसी दिन पूर्णिमा ने रामराज्य किताब का श्रीगणेश किया। साथ ही लेखक आशुतोष राणा को ट्वीट कर पुस्तक की सराहना की।

By MritunjayEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 06:27 AM (IST)Updated: Mon, 26 Apr 2021 07:28 AM (IST)
अभिनेता-लेखक आशुतोष राणा और पूर्णिमा नीरज सिंह ( फाइल फोटो)।

धनबाद [ जागरण स्पेशल ]। Ramrajya अभिनय की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान कायम करने वाले अभिनेता के साथ-साथ कवि और लेखक आशुतोष राणा ( Ashutosh Rana) का झरिया कोयलांचल और झारखंड से किसी तरह का नाता नहीं है। वह मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले हैं। हां, उनकी अभिनय शैली और संवाद अदायगी के कारण उनके कद्रदानों की झरिया कोयलांचल में कोई कभी नहीं है। लेकिन बात यह है कि झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह (Purnima Niraj Singh) को आशुतोष राणा ने नोटिस लिया है। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से सादर धन्यवाद और प्रणाम कहा है। 

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काैन है पूर्णिमा नीरज सिंह

पूर्णिमा नीरज सिंह कांग्रेस की विधायक हैं। वह साल 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव के दाैरान झरिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुईं। इंटरनेंट मीडिया में काफी सक्रिय रहती हैं। हर दिन को खास दिन के अंंदाज में लेती हैं। महापुरुषों को याद करने और बड़े नेताओं ने जन्म दिन और पुण्य तिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए सुबस से ही सक्रिय हो जाती हैं। वह धनबाद के दबंग घराना-रघुकुल की बहू हैं। इनके पति नीरज सिंह धनबाद के डिप्टी मेयर रह चुके हैं। 21 मार्च, 2017 को नीरज सिंह को तीन समर्थकों के साथ धनबाद के सरायढेला में गोलियों से भून दिया गया। इसके बाद पूर्णिमा राजनीति में आईं। अब कांग्रेस की विधायक हैं। झारखंड विधानसभा में भी क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुखर रहती हैं।

मां हमारे के लिए किसी के जीवन से भी महत्वपूर्ण

आशुतोष राणा की एक किताब है-रामराज्य। इस किताब में रामकथा से जुड़े मिथकों, संकेतों और सवालों को एक नए तरीके से रखा गया है। किताब में बहुत ही रूढ़ विषयों को अलग तरीके से देखने का प्रयास किया गया है। पुस्तक में माता काैशल्या राम के वन चले जाने के बाद अज्ञातवास में चले गए शत्रुघ्न को खोजते हुए कहती हैं-'ये चारों बच्चे अपनी मां की कोख से अधिक महारानी कैकेयी की गोद को मान देते हैं। हम तो मात्र उनको जन्म देने का आधार हैं किंतु कैकेयी उनके जीवन की निर्माता है।' यानी काैशल्या भी मानती हैं कि चारों भाई सबसे ज्यादा कैकेयी को प्रेम करते रहे। माता कैकेयी के चरित्र का जिक्र करते हुए पुस्तक में आशुतोष राणा राम की प्रवृत्ति की छवि के प्रति बहुत दिखाते हैं। आशुतोष के राम कहते हैं-मां हमारे लिए किसी के भी जीवन से महत्वपूर्ण है माता की आज्ञा।

लॉकडाउन में आशुतोष राणा की किताब पढ़ रही पूर्णिमा सिंह

इस किताब को इन दिनों पूर्णिमा नीरज सिंह पढ़ रही हैं। 21 अप्रैल को रामनवमी थी। इसी दिन पूर्णिमा ने रामराज्य किताब का श्रीगणेश किया। साथ ही लेखक आशुतोष राणा को ट्वीट किया आपके@ranaashutosh10 एक साक्षात्कार में सुना था कि कैसे आप अपनी अगली पुस्कत में रामराज और रामराज्य के अंतर को स्पष्ट करने की चेष्टा कर रहे हैं। प्रभु श्री राम के दर्शन को सरल शब्तों में ह्रदय में उतारने की कला आपकी लेखनी में है। आज से बेहतर दिन नहीं हो सकता था आरंभ करने का। कोरोना महामारी का समय चल रहा है। झारखंड में आंशिक लॉकडाउन है। इस दारैान पूर्णिमा नीरज सिंह रामराज्य किताब पढ़कर अपना समय जाया कर रही हैं।

सराहना के लिए आशुतोष ने किया धन्यवाद

पूर्णिमा नीरज सिंह द्वारा ट्विटर पर सराहना किए जाने के बाद आशुतोष राणा खुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने सरल स्वभाव का परिचय देते हुए ट्वीट का जवाब दिया-सराहना हेतु सादर धन्यवाद... प्रणाम।


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