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    Gauri Lankesh Murder Case: पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड का साजिशकर्ता धनबाद से गिरफ्तार

    Gauri Lankesh Murder Case पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या का आरोपित ऋषिकेश देवडीकर को धनबाद से गिरफ्तार किया गया। बेंगलुरु की एसआइटी ने कतरास में छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया।

    By Sagar SinghEdited By: Updated: Fri, 10 Jan 2020 11:09 AM (IST)
    Gauri Lankesh Murder Case: पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड का साजिशकर्ता धनबाद से गिरफ्तार

    धनबाद, जेएनएन। Gauri Lankesh Murder Case पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड में बेंगलुरु एसआइटी ने गुरुवार को धनबाद के कतरास से आरोपित ऋषिकेश देवरिकर उर्फ राजेश को गिरफ्तार किया। ऋषिकेश कुछ दिनों से यहां पहचान छिपाकर रह रहा था। वह कतरास में पेट्रोल पंप पर केयरटेकर का काम कर रहा था। ऋषिकेश को पुलिस गौरी लंकेश की हत्या के अलावा भी चार मामले में तलाश रही थी।

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    बेंगलुरु पश्चिम के डीसीपी एमएन अनुचेत ने दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत के दौरान बताया कि ऋषिकेश का नाम गौरी लंकेश हत्याकांड में अनुसंधान के दौरान आया था। उन्होंने कहा कि गौरी लंकेश की हत्या में कुल 18 लोगों के नाम अभी तक सामने आए हैं। इनमें अमोल काले की भूमिका प्रमुख थी। ऋषिकेश भी हत्या की साजिश में शामिल रहा है। बेंगलुरु पुलिस शुक्रवार को उसे ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ लेकर जाएगी।

    बताया गया है कि कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम (कोका एक्ट) के तहत भी कुछ लोगों पर शिकंजा कसा जा रहा है। बेंगलुरु पुलिस ने ऋषिकेश की गिरफ्तारी मोबाइल टावर लोकेशन के आधार पर की। छापेमारी के दौरान पुलिस ने उसके कमरे की तलाशी ली। कमरे से सनातन धर्म की कुछ पुस्तकों समेत कई सामान जब्त किए गए हैैं।

    हत्या के अलावा अन्य चार मामलों में भी थी तलाश

    टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर पुनीत ने कहा के ऋषिकेश को पुलिस पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के अलावा भी चार मामले में तलाश रही थी। उसके खिलाफ सामाजिक संस्था से जुड़े चार लोगों की हत्या का मामला दर्ज है। हत्या में शामिल एक दर्जन से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पिछले डेढ़ साल से इसकी खोज हो रही थी। इस बीच वह कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए झारखंड चला आया था।

    छ: माह से कतरास में रह रहा था महाराष्ट्र का ऋषिकेश

    ऋषिकेश महाराष्ट्र के औरंगाबाद का निवासी बताया जाता है। उसने अलग-अलग नाम से लोगों के बीच अपनी पहचान बनाई थी, ताकि पकड़ मेंं नही आ सके। कतरास के पंप मालिक सह सनातन संस्था के प्रमुख प्रदीप खेमका ने बताया कि बेरोजगारी और अपने को साधक बताकर वह नौकरी मांगने आया था। छह सात माह से उनके यहां वह नौकरी कर रहा था।

    पेट्रोल पंप पर काम कर रहा था कई हत्याओं का आरोपित

    पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या का आरोपित ऋषिकेश देवडीकर को गुरुवार को धनबाद से गिरफ्तार किया गया। बेंगलुरु की एसआइटी ने धनबाद के कतरास में छापेमारी कर उसकी गिरफ्तार की। पुलिस ने उसके कमरे से सनातन धर्म की कई पुस्तक भी बरामद किया है। वह कतरास के एक पेट्रोल पंप पर पहचान छुपाकर रह रहा था। गौरी लंकेश की हत्या 5 सितंबर 2017 को बेंगलुरु में कर दी गई थी।

    पहचान छिपाकर अलग-अलग नाम से लोगों के बीच रहने में है माहिर

    कर्नाटक की एसआइटी टीम गुरुवार को कतरास पहुंची। पुलिस ने कतरास के भगत मोहल्ले में छापेमारी कर राजेश उर्फ ऋषिकेश देवडीकर नामक युवक को हिरासत में लिया। पुलिस ने उसके कमरे की तलाशी ली। वहां सनातन धर्म की कई पुस्तक सहित सामान बरामद की। वह पिछले छह-सात माह से खेमका पेट्रोल पंप में केयर टेकर का काम कर रहा था और भगत मोहल्ला स्थित पंप मालिक के मकान में किराएदार के तौर पर रह रहा था।

    बेरोजगारी व अपने को साधक बताकर ली थी नौकरी

    पंप मालिक सह सनातन संस्था के प्रमुख प्रदीप खेमका ने बताया कि बेरोजगारी और अपने को साधक बताकर वह नौकरी मांगने आया था। छह सात माह से नौकरी कर रहा था। कार्यकाल के दौरान उसने किसी प्रकार की बात नहीं बतायी, जिससे उसपर जरा भी संदेह हो। उन्होंने जांच में पूरा सहयोग करने की बात कही। इधर, पुलिस उससे गहन तहकीकात कर रही है।  

    कौन हैं गौरी लंकेश

    बेंगलुरु की रहने वाली पत्रकार गौरी लंकेश एक सोशल एक्‍ट‍िविस्‍ट भी थी। वह कन्‍नड़ साप्‍ताहिक अखबार 'लंकेश पत्रिके' की संपादक थी जिसे उनके पिता पी. लंकेश ने शुरू किया था। 1962 में जन्‍मी गौरी लंकेश ने अपने करियर की शुरुआत बेंगलुरु में 'टाइम्‍स ऑफ इंडिया' से की थी। कुछ समय के लिए वह दिल्‍ली आईं और फिर वापस बेंगलुरु लौट गईं, जहां 'संडे' मैग्‍जीन और 'इनाडु' के तेलुगू चैनल के साथ काम किया। इसके बाद गौरी ने अपना साप्‍ताहिक अखबार 'गौरी लंकेश पत्रिके' का प्रकाशन शुरू किया। लंकेश पर शुरू से ही नक्‍सल समर्थक एवं हिंदुत्‍व विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं। उनकी हत्या 5 सितंबर 2017 को बेंगलुरु में कर दी गई थी।