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    Bokaro: घूसखोर प्रखंड समन्वयक दीपक चढ़ा एसीबी के हत्‍थे, 10 हजार ले रहा था घूस...बिना घूस के नहीं करता था काम

    By Atul SinghEdited By:
    Updated: Fri, 24 Sep 2021 04:24 PM (IST)

    घूस लेने वाले सर्तक हो जाए। आज दीपक चढ़ा एसीबी के हत्‍थे। आदत नहीं छूटी तो कल हो सकती है आपकी बारी। ब‍िना घूस के कोई काम ही नहीं करता है। घूसखोरों की पड़ताल की जाए तो दीपक जैसे कई चेहरे बेनकाब होंगे।

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    घूसखोर दीपक रजवार की शिकायत बांधडीह दक्षिणी के मुखिया हाकिम महतो ने एसीबी में किया था। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

    संवाद सहयोगी, जैनामोड़ (बोकारो): शुक्रवार को बोकारो जिले के जरीडीह प्रखंड के प्रखंड समन्वयक दीपक कुमार कपरदार को एसीबी की टीम ने दस हजार रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। घूसखोर दीपक रजवार की शिकायत बांधडीह दक्षिणी के मुखिया हाकिम महतो ने एसीबी में किया था। दीपक को एसीबी की टीम लेकर धनबाद चली गई। दीपक की गिरफ्तारी पीएम आवास स्वीकृत कराने के लिए मुखिया हाकिम से रिश्वत लेते चौक बाजार जैनामोड़ में की गई। गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम प्रखंड कार्यालय पहुंची और यहां आवश्यक दस्तावेज जब्त करते हुए दीपक को अपने साथ ले गई।

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    बताया जा रहा है कि दीपक पीएम आवास की स्वीकृति व पैसा निर्गत करने के लिए घूस मांग रहा था। मुखिया हाकिम से भी उसने घूस की मांग की। इसकी लिखित शिकायत धनबाद एसीबी कार्यालय में किया गया। जहां से सूचना की पुष्टि करने के बाद एसीबी ने कार्रवाई की है। मुखिया हाकिम से 19 आवास के भुगतान के लिए 38 हजार रुपये में सौदा तय हुआ था। आज उसकी पहली किस्त 10 हजार रुपये का भुगतान किया गया और दीपक घूस लेते पकड़ा गया। बताया जा रहा है कि दीपक रजवार का पूरे प्रखंड में घूसखोरी के मामले में आतंक कायम हो गया था।

    बिना पैसा लिए वह किसी का काम नहीं करता था। उसका कहना था कि वह सेटिंग करके काम करता है तो बिना पैसा लिए नहीं हो सकता है। हाकिम महतो ने बताया कि ग्राम सभा में पारित वरियता सूची को दीपक पैसे के लालच में बदल देता था। जो लाभुक पैसा नहीं देते थे उनका एकाउंट नंबर गलत कर देना या फिर उनका नाम हटा देना उसके बाएं हाथ का खेल था। चूंकि दीपक रजवार पड़ोस के प्रखंड कसमार का रहने वाला था इसलिए स्थानीय लोग उस पर ज्यादा दबाव नहीं बना पाते थे।

    एक आवास के लिए बीस हजार घूस

    दीपक पीएम आवास की पूरी किस्त का भुगतान होने तक लगभग बीस हजार रुपये लेता था। उसका प्रभाव ऐसा था कि मुखिया व पंचायत समिति सदस्यों से ही घूस लेता था। उसका साफ कहना था कि जो मुखिया-पंचायत समिति पैसा नहीं देगा उसके पंचायत के लाभुकों का चयन नहीं हो सकेगा। इसके पहले वह कसमार प्रखंड में कंप्यूटर आपरेटर के पद पर काम करता था। वहां उससे मुखिया व जनता दोनों त्रस्त थे। पूरे जिले में जरीडीह व कसमार प्रखंड में घूसखोरी रूकने का नाम नहीं ले रही है। प्रत्येक एक वर्ष के अंतराल में यहां से एक न एक कर्मचारी घूस लेते धरे जाते हैं।

    वर्जन 

    घूसखोर कर्मियों के खिलाफ एसीबी लागातार कार्रवाई कर रही है। दीपक प्रखंड समन्वयक था। उसके खिलाफ मुखिया हाकिम महतो ने शिकायत किया था। उसकी शिकायत की पुष्टि होने के बाद जैनामोड़ बाजार में दस हजार रुपये घूस लेते हुए पकड़ा गया है। यदि राज्य सरकार के किसी भी कार्यालय में आपके काम के लिए घूस की मांग हो रही हो तो आम लोग शिकायत करें। इस वर्ष अब तक छह घूसखोरों को पकड़ा जा चुका है।

    नीतिन खंडेलवाल, डीएसपी एसीबी धनबाद

     

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