यहां बन रहा 9000 हॉर्स पावर का रेल इंजन, नए साल में पटरी पर उतारने की तैयारी
देश को 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाले एयरोडायनमिक इंजन देनेवाला कारखाना अब 9000 हॉर्स पावर का रेल इंजन बना रहा है। यह प्रोजेक्ट भी पूरी त ...और पढ़ें

तापस बनर्जी, धनबाद: देश को 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाले एयरोडायनमिक रेल इंजन देनेवाला चित्तरंजन रेल कारखाना (चिरेका) अब 9000 हॉर्स पावर का रेल इंजन बना रहा है। चिरेका का यह प्रोजेक्ट भी पूरी तरह मेक इन इंडिया आधारित होगा। सबकुछ योजना के अनुसार हुआ तो नये साल में इंजन पटरी पर उतर जाएगा।
चिरेका में निर्मित अपनी तरह का यह भारतीय रेल का पहला विद्युत इंजन होगा। चिरेका में अब तक 6000 हॉर्स पावर वाले रेल इंजनों का ही निर्माण होता रहा है। नवंबर महीने में यहां 200 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ने वाले एयरोडायनमिक रेल इंजन का भी निर्माण किया गया। हालांकि एयरोडायनमिक इंजन 5400 हॉर्स पावर का ही है, जिसका उपयोग रेलवे में राजधानी और दुरंतो जैसे प्रीमियर ट्रेनों में करने की योजना है। इसी कड़ी में अब 9000 हॉर्स पावर के इंजन को विकसित किया जा रहा है जिससे मालगाड़ियां फर्राटा भरेंगी। माल लदान को बढ़ावा देने के लिए रेलवे पूर्वी और पश्चिमी फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण करा रही है। दोनों कॉरिडोर में सिर्फ मालगाड़ियां ही चलेंगी। मालगाड़ियों के परिचालन के लिए अधिक इंजन की आवश्यकता होगी। इसके मद्देनजर ही पहले की तुलना में अधिक क्षमता वाले इंजन का निर्माण किया जा रहा है।
मई में मिली थी स्वीकृति: 1190 केवी के हॉर्स पावर ट्रैक्शन मोटर विकसित 9000 हॉर्स पावर इंजन के प्रारंभिक डिजाइन को मई 2018 में ही स्वीकृति मिल चुकी है। पिछले माह नवंबर में इसके विस्तृत डिजाइन अप्रूवल देने के साथ ही दूसरे चरण के डिजाइन पर भी मुहर लग चुकी है। इसके लिए 1190 केवी के हॉर्स पावर वाला ट्रैक्शन मोटर भी विकसित कर लिया गया है। क्या होगा लाभ रेलवे के जानकारों के अनुसार, इंजन की हॉर्स पावर क्षमता बढ़ने से मालगाड़ियों का परिचालन अधिक रफ्तार से हो सकेगा। ट्रैक्शन ऊर्जा में खर्च होनेवाली लागत में कमी आएगी। डीजल इंजन के परिचालन से होनेवाली ईधन की खपत कम होगी और कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा।
"चित्तरंजन रेल कारखाना में निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बहुत जल्द 9000 हॉर्स पावर का रेल इंजन बनकर तैयार होगा। इसमें कई अन्य अत्याधुनिक फीचर्स भी होंगे।"
-मंतार सिंह, पीआरओ चित्तरंजन रेल कारखाना

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