Jharkhand: 68 वर्षीय BJP नेता ने कराई नसबंदी, कहा- जनसंख्या नियंत्रण जरूरी; केंद्र सरकार की पहल का किया स्वागत
धनबाद में स्वास्थ्य विभाग ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर परिवार स्वास्थ्य मेला पखवाड़ा आयोजित किया है। इस मेले में 68 वर्षीय राजगंज भाजपा मंडल के संयोजक एवं भाजपा नेता ने नसबंदी कराकर पुरूषों के लिए मिसाल पेश की है। हैं। उन्होंने कहा कि इतनी उम्र में नसबंदी कराने पर किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है। बता दें कि इनके दो बेटे हैं।
जागरण संवाददाता, धनबाद। BJP Leader Sterilisation स्वास्थ्य विभाग की ओर से धनबाद में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर परिवार स्वास्थ्य मेला पखवाड़ा चल रहा है। पखवाड़े में एक ओर जहां लोग नसबंदी करने से पीछे भाग रहे हैं, वही 68 वर्षीय भाजपा नेता ने नसबंदी कराकर मिसाल पेश की है।
तेतुलमारी के रहने वाले 68 वर्षीय आरके चौधरी रिटायर्ड शिक्षक रहे हैं। चौधरी फिलहाल राजगंज भाजपा मंडल के संयोजक हैं। सदर अस्पताल धनबाद में उनका नसबंदी का ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के बाद उन्होंने पुरुषों को नसबंदी करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि इतनी उम्र बाद नसबंदी कराने के पीछे का तर्क बस इतना है, कि इससे किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है। लेकिन पुरुष नसबंदी से हमेशा पीछे भागते हैं। जरूरी नहीं की महिला का ही बंध्याकरण कराया जाए।
दो बेटे, 2008 में पत्नी का हो गया है निधन
आरके चौधरी ने बताया कि वह मूल रूप से बिहार के दरभंगा के रहने वाले हैं। धनबाद में बहुत लंबे समय से रह रहे हैं। उन्होंने बताया एक बेटे पुणे में नौकरी करता है। दूसरा धनबाद में ही शिक्षक है। पत्नी का निधन 2008 में ही हो गया था। उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में जनसंख्या एक बड़ी चुनौती बन रही है।
भारत में जिस तरह से जनसंख्या बढ़ रही है, यदि समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो यह विकराल समस्या ले सकती है। उन्होंने बताया कि खाद्य पदार्थों की आपूर्ति मांग की तुलना में काम हो रही है।
इसके पीछे तेजी से जनसंख्या का बढ़ना है। वह समय दूर नहीं जब मांग और आपूर्ति के बीच में लंबी दूरी हो जाएगी। बढ़ती जनसंख्या के वजह से महंगाई भी तेजी से बढ़ती जाएगी।
केंद्र सरकार की योजनाओं की सराहना
आरके चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जन कल्याणकारी योजना चला रहे हैं। यही वजह है कि आज हर योजना गरीबों तक पहुंच रही है। स्वास्थ्य शिक्षा से लेकर विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ मिल रहा है। ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी लोगों को जागृत होने की जरूरत है।
40 लाख की जगह मात्र पांच की ही नसबंदी
11 जुलाई से 24 जुलाई तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से परिवार स्वास्थ्य मेला चलाया जा रहा है इसमें 40 लोगों को नसबंदी करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन अभी तक मात्र पांच लोगों की ही नसबंदी हो पाई है। नसबंदी से पुरुष दूर भाग रहे हैं।
परिवार स्वास्थ्य कार्यक्रम की काउंसलर प्रीति सिंह ने बताया कि पुरुषों में यह गलतफहमी है की नसबंदी के बाद वह कमजोर हो जाएंगे, लेकिन ऐसी बात नहीं है।
यह भी देखा गया है कि घर की महिलाएं ही पुरुष को नसबंदी करने से मना कर देती हैं। लेकिन ऐसे में जागरूक होने की जरूरत है, नसबंदी के बाद कोई भी फर्क पुरुष पर नहीं पड़ता।
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