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    झारखंड में साढ़े तीन साल में कोयला खदानों में 34 मजदूरों की हुई मौत, देशभर में मरने वालों की संख्‍या 185

    By Deepak Kumar PandeyEdited By:
    Updated: Mon, 25 Jul 2022 03:21 PM (IST)

    कोयला श्रम व रोजगार मंत्रालय इस प्रयास में लगा है कि कोयला खदानों में दुर्घटना में होने वाली श्रमिकों की मौत की संख्या को जीरो किया जाए। इसको लेकर हर कंपनी में खान सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने को लेकर जागरूकता अभियान से लेकर बैठक का दौर चलता रहता है।

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    सबसे ज्यादा 35 मौतें तेलंगाना में स्थित कोयला खदानों में हुई है।

    जागरण संवाददाता, धनबाद: कोयला, श्रम व रोजगार मंत्रालय इस प्रयास में लगा है कि कोयला खदानों में दुर्घटना में होने वाली श्रमिकों की मौत की संख्या को जीरो किया जाए। इसको लेकर हर कंपनी में खान सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने को लेकर जागरूकता अभियान से लेकर बैठक व मंथन का दौर पूरे साल चलता रहता है। हालांकि इसके बावजूद हादसे हो रहे हैं और इन हादसों में जानें भी जा रही हैं। बीते साढ़े तीन साल में झारखंड में 34 लोगों की जान कोयला खदानों में हुए हादसों में जा चुकी है।

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    वहीं इस समयावधि में देश के 10 राज्यों में स्थित कोयला खदानों में हुए हादसों में 185 कामगारों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा 35 मौतें तेलंगाना में स्थित कोयला खदानों में हुई है। तेलंगाना में स्थित सिंगरैनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड में खान सुरक्षा को लेकर हुए सम्‍मेलन में खान सुरक्षा महानिदेशालय ने धनबाद सहित देश के 23 रीजनल कार्यालय को इसके लिए विशेष जिम्मेवारी सौंपी है।

    इधर, सीटू के मानस चटर्जी ने कहा कि प्रबंधन को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। जो भी निर्णय बैठक में लिए जाते हैं, उसे कोलियरी स्तर पर लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। कागजी खानापूर्ति से काम नहीं चलने वाला। परियोजना स्तर पर सभी को इस पर ध्यान दिलाने चाहिए।

    राज्य स्तर पर मजदूरों की मौत के आंकड़े (वर्ष 2019 से जून 2022 तक की स्थिति):

    झारखंड- 34

    बंगाल- 32

    तेलंगाना- 35

    राजस्थान- 1

    तमिलनाडु- 1

    छत्तीसगढ़- 27

    मध्यप्रदेश- 21

    ओडिशा- 17

    महाराष्ट्र- 14

    उत्तर प्रदेश- 3

    कोयला खदानों में सुरक्षा संबंधी ये कानून होते हैं लागू

    कोयला खदानों में कार्यरत व्यक्तियों के लिए व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य हेतु प्रावधान खान अधिनियम 1952 और इसके तहत बनाए गए नियमों को लागू किया गया है। इसके तहत इन नियमों का पालन करना जरूरी होता है:

    (i) खान अधिनियम 1952

    (ii) खान नियमावली, 1955

    (iii) कोयला खान विनियम, 2017

    (iv) खान बचाव नियम, 1985

    (v) खान व्यावसायिक प्रशिक्षण नियमावली 1966

    (vi) खान नियम, 1985 आदि।

    इसके अलावा, खान सुरक्षा महानिदेशालय दुर्घटनाओं और खनन विधि तथा मशीनरी में प्रौद्योगिकीय प्रगति के आधार पर समय- समय पर परिपत्र भी जारी करता है।