मटर के बेसन से बने पकौड़े तो नहीं खा रहे आप
धनबाद : अगर आप बारिश के मौसम में पकौड़े खाने के शौकीन हैं तो संभल जाएं क्योंकि आपके लिए बुरी खबर है।
धनबाद : अगर आप बारिश के मौसम में पकौड़े खाने के शौकीन हैं तो संभल जाएं क्योंकि आपके लिए बुरी खबर है। मुनाफाखोर आपके शौक के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
आप जिस पकौड़े के शौकीन हैं वह बेसन से बनता है और आप यह मान कर इसका सेवन कर रहे हैं कि यह चना दाल का बना हुआ है। आप यहीं पर धोखा खा रहे हैं। दरअसल बाजार में बिक रहा 90 फीसद बेसन मटर दाल से तैयार किया जा रहा है।
दोगुने से अधिक मुनाफा : मटर दाल से बना बेसन भले ही आपकी सेहत के लिए अधिक नुकसान दायक नहीं हो पर आपकी जेब जरूर काट रहा है क्योंकि चने की थोक कीमत 58 रुपया किलो है जबकि मटर का थोक भाव 26 रुपया किलो है। जानकारों के मुताबिक शहर में करीब 90 फीसद दुकानों पर मटर दाल के बेसन को खपाया जा रहा है।
ब्रांडेड कंपनियां भी पीछे नहीं : मुनाफाखोरी के इस खेल में ब्रांडेड कंपनियां भी पीछे नहीं है। पिछले दिनों जब चने की कीमत आसमान छूने लगी थी तब कई बड़ी कंपनियों ने मटर दाल से बेसन बनाकर बेचा था। शहर की हर मिठाई दुकान में बेसन की मिठाई व नमकीन में चने की जगह मटर के बेसन का इस्तेमाल हो रहा है।
पहचान मुश्किल : मटर दाल के बेसन की पहचान करना मुश्किल है। कारोबारियों के अनुसार दाल से बना बेसन मोटा मुनाफा दे रहा है। चना दाल का बेसन पीला जबकि मटर दाल का बेसन सफेद होता है। इस बेसन को चना दाल की तरह ही उपयोग में लाकर नमकीन तैयार किया जाता है। मटर दाल से बने पकौड़े, नमकीन स्वाद में हल्के कड़वे होते है तथा इसमें करारापन भी अधिक होता है। इसी स्वाद के कारण मिठाई दुकानों इनका प्रयोग किया जा रहा है।
सत्तू में भी मटर : लिट्टी- चोखा खानेवाले व सत्तू पीने का शौक रखने वाले भी संभल जाएं। मुनाफाखोर उन्हें मटर का बना सत्तू पिला रहे हैं। इसकी पहचान छुपाने के लिए इसमें हल्दी मिला दी जाती है जिससे इसका रंग पीला हो जाता है।
अधिक सेवन नुकसान दायक : चने का सूत्त गैस से पीड़ित लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। अगर मटर के सत्तू या बेसन का अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो लोग कब्ज व गैस से पीड़ित हो सकते हैं।
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वर्जन 1
पिछले साल जब चने का भाव बहुत अधिक बढ़ गया था तब कुछ बड़ी ब्रांडेड कंपनियों ने मटर से बेसन व सत्तू बनाया था। हालांकि इन कंपनियों ने अपने पैकेट पर मटर का उल्लेख कर दिया था। लेकिन इसकी कीमत वे चने से बने बेसन व सत्तू के बराबर ले रहे थे। अब तो इसका चलन आम हो गया है।
- विनोद गुप्ता, अध्यक्ष
खाद्यान्न व्यवसायी संघ
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वर्जन 2
मटर बेसन व सत्तू का कारोबार करने वालों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। चने का मूल्य मटर से दोगुने से भी अधिक है। ऐसे में इनका फायदा सौ फीसद से अधिक है। अब तो ठेले पर सत्तू बेचनेवाले से लेकर बड़े मिठाई दुकानदार भी धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि कुछ लोग चने का बेसन का प्रयोग कर रहे हैं।
- सुनील अग्रवाल, अध्यक्ष
- बरवाअड्डा कृषि बाजार समिति चैंबर ऑफ कॉमर्स
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