जागरण संवाददाता, धनबाद : कोयला सचिव द्वारा झरिया के अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रह रहे करीब 12 हजार परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित करने का निर्देश दिया गया है।
झरिया में अग्नि प्रभावित क्षेत्र की 595 साइट में से 70 अति संवेदनशील हैं।
कोयला सचिव ने अधिकारियों के साथ की बैठक
रांची में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और अन्य अधिकारियों के साथ केंद्रीय कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने बैठक की। बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। बैठक में प्रशासन और भारत कोकिंग कोल लिमिटेड से जुड़े अधिकारियों को तीन महीने में विस्थापन की पूरी प्रक्रिया को अंजाम देने को कहा गया है।
स्थिति खतरनाक, लोगों को जल्द दूसरी जगह पर बसाना जरूरी
दरअसल, प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर छह महीने के दौरान कोयला मंत्रालय की ओर से झरिया अग्नि प्रभावित इलाके के लोगों के विस्थापन को लेकर कई बैठकें की गई। कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि स्थिति खतरनाक है, इसलिए आग के बीच रह रहे लोगों को जल्द दूसरी जगह बसाना जरूरी है। उन्होंने बीसीसीएल को शिफ्टिंग प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है।
करीब बारह हजार लोगों को करना है विस्थापित
इस प्रक्रिया में करीब साढ़े नौ हजार अवैध कब्जेधारी, 19 सौ रैयत और पांच सौ बीसीसीएल कर्मियों को हटाना है। ये परिवार बरोरा, कतरास, लोदना, पुटकी बलिहारी, कुसुंडा, सिजुआ व बस्ताकोला एरिया के खतरनाक स्थानों में रह रहे हैं। अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को शिफ्ट किए जाने वाले जगहों पर स्कूल, अस्पताल और अन्य संसाधन उपलब्ध कराने की बात कही गई है।
मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को इस पर ध्यान देने को कहा है।
बीसीएल अपने कर्मियों को दो महीने में करे शिफ्ट
बीसीसीएल को अपने कर्मियों को खाली पड़े विभिन्न आवासों में दो महीने में शिफ्ट करने के लिए कहा गया।
फिलहाल रैयतों को झरिया मास्टर प्लान के तहत पुराने आरएनआर पैकेज को ही देने पर विचार किया गया है। आगे जो कमेटी निर्णय लेगी, उस अनुरूप लाभ दिया जाएगा। फिलहाल लोगों को खतरनाक क्षेत्र से हटाना ही प्राथमिकता है।