रात में नहीं मिले डॉक्टर, इलाज के अभाव में युवक की मौत; सीएचसी की चरमराती व्यवस्था उजागर
देवघर के एक सीएचसी में रात में डॉक्टर न मिलने से एक युवक की मौत हो गई। समय पर इलाज न मिलने के कारण उसकी जान चली गई। इस घटना ने सीएचसी की चरमराती स्वास ...और पढ़ें

इलाज के अभाव में युवक की मौत
संवाद सहयोगी, करौं(देवघर)। सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का दावा करती है। लेकिन इसका कभी भी वास्तविकता से रिश्ता नहीं बन पाया है। नतीजा प्रखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था बिल्कुल चरमरा चुकी है।
प्रखंड के लगभग 85 हजार से अधिक की आबादी कैसे स्वस्थ रहे, इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। गुरुवार की रात सीएचसी में समय पर बेहतर इलाज नहीं होने पर डिंडाकोली निवासी उत्तम कुमार सिंह उर्फ तंबू की मौत हो गई।
रात में कोई चिकित्सक नहीं मिला
कारण मरीज को इलाज कराने अस्पताल ले जाने पर रात में वहां कोई चिकित्सक नहीं मिला। मृतक के स्वजन हेमंत सिंह व पुरुषोतम सिंह ने बताया कि गुरुवार की रात उतम की तबियत अचानक खराब हो गई। लगभग दस बजे बेहोशी की हालत में उसे इलाज के अस्पताल लाया।
रात में चिकित्सक के ड्यूटी पर नहीं रहने के कारण समय पर इलाज नहीं हो सका। यहां से बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल देवघर ले जाने को बोला गया। स्वजनों द्वारा मरीज को इलाज के लिए रेफरल अस्पताल, मधुपुर ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
समय पर इलाज हो जाता तो बच जाता मरीज
स्वजनों का कहना है कि अगर सीएचसी में समय पर इलाज हो जाता तो शायद मरीज बच जाता। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. अरुण कुमार ने बताया कि वह दो दिन ड्यूटी करने के बाद अपने घर गए थे।
रोस्टर के अनुसार रात की ड्यूटी डॉ. राकेश कुमार सिंह की थी। लेकिन वे अपने डृयूटी से अनुपस्थित थे। चिकित्सक के नहीं रहने के बाद भी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा इनका इलाज किया गया। जरूरत के हिसाब से दवा, सूई, आक्सीजन देकर इनको देवघर रेफर किया गया था।
चिकित्सकों की घोर कमी
वहीं समाजसेवी अजीत कुमार सिंह ने बताया कि करौं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की घोर कमी रहने का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है। रात में चिकित्सक अस्पताल में नहीं रहते हैं।
उन्होंने सीएस से यहां तत्काल चिकित्सक प्रतिनियुक्त करने की मांग की है ताकि लोगों का जीवन बच सके। बताया जाता है कि मृतक उत्तम घर का एक मात्र कमाने वाला युवक था। उनके निधन से पूरे परिवार के समक्ष दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। पत्नी समेत इनके दो बच्चे को कौन देखेगा ये संकट आ गया है।

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