Stary Dogs: मधुपुर स्टेशन को आवारा कुत्तों ने बनाया अपना घर, यात्रियों को देखते ही कर देते हैं हमला
मधुपुर स्टेशन पर आवारा कुत्तों के आतंक से यात्री परेशान हैं। रात में कुत्तों का कब्जा हो जाता है जिससे यात्रियों को डर लगता है। कुत्ते पानी के कूलर के पास बैठे रहते हैं और कई बार यात्रियों पर भौंकते भी हैं। रेलवे अधिकारियों की लापरवाही के कारण कुत्तों की संख्या बढ़ रही है।
अजय तिवारी, मधुपुर(देवघर)। मधुपुर स्टेशन पर आवारा कुत्तों का आतंक काफी बढ़ गया है। रात के वक्त खासतौर पर यहां इन कुत्तों का कब्जा हो जाता है। यहां आवारा कुत्तों ने अपना आशियाना बना रखा है। ये कुत्ते कभी भी किसी भी रेल यात्री के लिए खतरा बन सकते हैं। प्लेटफार्म पर इन कुत्तों को आराम में घूमते हुए देखा जा सकता है। रेल यात्रियों को इन कुत्तों से काफी बचकर चलना पड़ता है। इन कुत्तों पर अंकुश लगाने की दिशा में रेल प्रशासन व रेल पुलिस द्वारा कोई ठोस प्रयास नहीं किया जाता है।
मधुपुर रेलवे स्टेशन पर आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक से रेलयात्री परेशान हैं । ये कुत्ते झूंड में एक साथ बैठे रहते हैं । यात्रियों का कहना है कि ये कुत्ते प्लेटफार्म पर घूमते रहते हैं, पानी के कूलर, पैदल उपरि पूल के नीचे व उपर व अन्य जगहों पर मौजूद रहेते हैं। ट्रेन के आगमन के समय कई बार झुंड में यात्रियों पर भौंकते या हमला कर देते हैं।
जागरण पड़ताल के दौरान शनिवार की रात जब डाउन में रक्सौल हावड़ा मिथिला एक्सप्रेस मधुपुर स्टेशन पर रुकी तो आवारा कुत्तों का झुंड ने भौंकना शुरू कर दिया । ट्रेन के कई यात्रियों ने उन्हें भगाया और कई यात्री अपना रास्ता बदलकर निकाल पड़े। इस कुत्तों से महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग डरते हैं । इस समस्या पर रेलवे अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा है, जिससे रेल यात्रियों में रोष है ।
यात्रियों को हो रही परेशानी, सुरक्षा का खतरा
आवारा कुत्ते यात्रियों, विशेषकर बच्चों और महिलाओं में दहशत फैलाते हैं । स्टेशन पर बैठे यात्रियों पर अचानक कुत्ता भौंकने लगते हैं । गर्मी से बचने के लिए कुत्ते वाटर कूलर और नलों के पास बैठे रहते हैं, जिससे यात्रियों को पानी भरने में डर लगता है । कई बार आवारा कुत्तों का झुंड यात्रियों पर हमला करने का प्रयास भी करते है या भौंकना शुरू कर देता है ।
समस्या के कारण और समाधान, अधिकारियों की अनदेखी
रेलवे अधिकारियों की लापरवाही से आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और कभी भी इन्हें पकड़ने की कोई कार्रवाई नहीं होती है। इसके समाधान के नाम पर रेले के अधिकारी एक दूसरे पर दोष मढ़ देते हैं। ये लोग जिम्मेवारी लेने से भाग रहे हैं।
वहीं जब कोई रेल अधिकारी का आगमन होता है तो इन आवारा कुत्तों को स्टेशन परिसर से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। उनके जाने के बाद फिर से पहले जैसी स्थिति हो जाती है। कुछ रेलवे अधिकारी नगर परिषद की मदद से कुत्तों को पकड़वाने की बात कहते हैं । वहीं स्टेशन से रोजाना सफर करने वाले यात्रियों में इस स्थिति को लेकर रोष है ।
रेलवे स्टेशनों पर आवारा कुत्तों के कारण यात्रियों को काफी असुविधा और डर का सामना करना पड़ रहा है । यात्रियों ने रेलवे से इन कुत्तों से बचाने की मांग की है और समस्या के समाधान के लिए कार्रवाई की उम्मीद जताई है ।
वहीं इस बारे में आरपीएफ प्रभारी एच के सिंह ने कहा कि स्टेशन के चारों तरफ खुला हुआ स्थान है । जिसके कारण बाहरी जानवरों का प्रवेश हो जाता है। स्टेशन पर घेराबंदी करने की मांग की गई है । नगर परिषद को स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर आवारा कुत्ता को पकड़ना चाहिए । आरपीएफ स्टेशन पर यात्री सुरक्षा को लेकर पूरी तरह चौकस रहती है ट्रेन आने पर आवारा कुत्ता को भगा दिया जाता है ।
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