जिले में पहली बार मिल रही प्लास्टर आफ पेरिस से बनी विश्वकर्मा की मूर्ति
जागरण संवाददाता देवघर राजस्थान से चलकर एक कलाकार अपने स्वजनों के साथ बाबा बैद्यनाथ की न

जागरण संवाददाता, देवघर: राजस्थान से चलकर एक कलाकार अपने स्वजनों के साथ बाबा बैद्यनाथ की नगरी में आया है। देवघर-जसीडीह रोड पर डढ़वा पुल के निकट अस्थायी आशियाना बनाया है। सड़क किनारे वह दिन रात छोटी-बड़ी मूर्तियों के निर्माण में तल्लीनता से लगा है। कलाकार आनंद ने कहा कि पहली बार झारखंड के मशहूर धार्मिक शहर में रोजी रोटी के लिए आया है। आनंद ने बताया कि दो से तीन हजार की भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति बनाई है। यह तीन फीट की है। एक मूर्ति बनाने में पांच दिन लगते हैं। सूखने में तीन दिन उसके बाद एक कलर करने में एक दिन और दो कलर करने में दो दिन अतिरिक्त लगता है। बड़ी मूर्ति के अलावा छह इंच की गणेश-लक्ष्मी, हाथी, गौरी शंकर दरबार की मूर्ति भी बना रहे हैं। पर्व-त्योहार का समय है। भरोसा है कि पहली बार प्लास्टर आफ पेरिस की मूर्ति लेकर आए हैं तो यहां के लोगों को पसंद आएगा। इसके अलावा गमला भी बना रहे हैं जो प्रत्येक जोड़ा दो सौ रुपये से लेकर छह सौ रुपये तक की कीमत में उपलब्ध होगी।
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