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    घर से बेघर हो गए पर मुआवजा नहीं मिला

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 15 Jun 2021 06:49 PM (IST)

    संवाद सहयोगी चितरा खून गांव निवासी सनोज मि•रा व कारू मिर्धा ने कोलियरी विस्तार के लिए अपना

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    घर से बेघर हो गए पर मुआवजा नहीं मिला

    संवाद सहयोगी चितरा: खून गांव निवासी सनोज मि•रा व कारू मिर्धा ने कोलियरी विस्तार के लिए अपना आवास खाली तो कर दिया। लेकिन अब तक मुआवजा नहीं मिला। अब ऑफिस का चक्कर लगाते लगाते उनका हिम्मत जवाब देने लगा है। बेघर हो जाने के कारण बारिश में मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है।

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    बता दें कि एसपी माइंस के तहत संचालित खून गांव स्थित कोयला खदान के विस्तार के लिए जमीन की जरूरत है। इस गांव के विस्थापितों को बनवारी डंगाल में बसाने की योजना पर काम चल रहा है। जो परिवार वहां बसना नहीं चाहते हैं। उनके लिए तीन लाख रुपए कोलियरी प्रबंधन की तरफ से देने का प्रावधान है। लिहाजा इस गांव के कई दलित परिवारों ने पुनर्वास स्थल पर आवास बनाने के लिए प्लॉट आवंटन हेतु कोलियरी प्रबंधन से मांग किया है। इसके अलावा कई परिवारों ने यहां पर बसना छोड़कर अन्यत्र घर बनाने का निर्णय लिया है। उन्हीं परिवारों में से मनोज मि•रा व कारू मिर्धा शामिल है। इन दोनों व्यक्तियों ने बताया कि वे लोग कोलियरी विस्तार के मार्ग का रोड़ा नहीं बनना चाहते थे। सार्वजनिक हित को मद्देनजर रखते हुए उन्होंने आवास 20 दिन पूर्व खाली कर दिया। कोलियरी के अभिकर्ता सागर प्रसाद ने आश्वस्त किया था कि चेक के माध्यम से राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। उनके नाम से निर्गत चेक भी उन्होंने दिखाया। लेकिन एक दो दिन नहीं बल्कि 20 दिन गुजर गए अब तक उन्हें भुगतान नहीं मिला। भुगतान लेने के लिए संताल परगना क्षेत्रीय खान समूह कार्यालय का चक्कर पर चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन भुगतान मिलने की बातें दूर की है, अभिकर्ता प्रसाद दर्शन नहीं देते है। आवास खाली करके वे लोग बेघर हो गए हैं। बारिश मौसम सर पर है। सर छुपाने के लिए भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

    वहीं कोलियरी के अभिकर्ता सागर प्रसाद ने कहा कि वह अवकाश लेकर अपना गांव आए हुए हैं। इसलिए इस संबंध में कुछ बता नहीं सकते हैं।