देवघर के लोगों के लिए खुशखबरी, स्वास्थ्य मंत्री ने नए अस्पताल का किया एलान
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने मधुपुर में रक्तदान शिविर का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि अनुमंडलीय अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति होगी। पुराने अस्पताल को तोड़कर नया अत्याधुनिक अस्पताल बनाया जाएगा। मंत्री जी ने रक्तदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रक्तदान करने से हार्ट अटैक की संभावना कम होती है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।

संवाद सहयोगी, मधुपुर (देवघर)। राहत कॉलेज ऑफ एजुकेशन में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने दीप प्रज्वलित कर किया।
रक्तदान शिविर में सर्वप्रथम कॉलेज के सचिव डॉ. इमरान अंसारी ने रक्तदान किया। इसके बाद कॉलेज में अध्ययनरत छात्र छात्राओं ने रक्तदान किया।
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जल्द ही अनुमंडलीय अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की जाएगी, ताकि यहां के गरीब गुरुवा,आम जनों को स्वास्थ्य सुविधा बेहतर ढंग से मिल सके।
उन्होंने कहा कि पुराने रेफरल अस्पताल की बिल्डिंग को डिमोलिश कर नया अत्याधुनिक अस्पताल बनाया जाएगा। ताकि एक ही छत के नीचे सारी स्वास्थ्य सुविधा लोगों को मिल सके।
नियमित रक्तदान करने वाले व्यक्ति खुद को कई तरह की गंभीर बीमारियों से बचा पाते हैं। रक्तदान करने के बाद भी रक्तदाता बिल्कुल पहले की तरह ही कामकाज कर सकता है।
इससे शरीर में किसी भी तरह की कमी या कमजोरी नहीं होती है। जागरूकता नहीं होने के कारण बहुत से लोगों के मन में रक्तदान को लेकर दुविधा रहती है, इसीलिए लोग रक्तदान से कतराते हैं।
जबकि सच्चाई यह है कि रक्तदान कर जरूरतमंद की जान बचाई जा सकती है और खुद को ऊर्जावान, स्वस्थ एवं तंदुरुस्त बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ मनुष्य को हर वर्ष दो बार रक्तदान जरूर करना चाहिए। यह जीवनदायी और मानवता का परिचायक है। रक्त के अभाव में कई जिंदगियां काल के गाल में समा जाती हैं।
लिहाजा जरूरतमंदों को रक्त मुहैया कराने हेतु रक्तदान जरूर करना चाहिए। रक्तदान से हार्ट अटैक की संभावनाएं कम हो जाती है। क्योंकि रक्त का थक्का नहीं जमता है। रक्तदान से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। रक्तदान के बाद नए ब्लड सेल बनते हैं, इससे लिवर से जुड़ी समस्याओं में भी राहत मिलती है।
इरफान अंसारी ने कहा कि दो रक्तदान के बीच न्यूनतम समय का अंतर कम से कम तीन महीना होना चाहिए। रक्तदान करने वालों की आयु 18 से 65 साल के बीच में होना चाहिए और वजन 45 किलो से अधिक होना जरूरी है।
हीमोग्लोबिन की मात्रा 12.5 मिलीग्राम से अधिक होनी चाहिए। रक्तदान करने से बोन मैरो काफी तेजी से नए रेड सेल बनाता है जिससे हड्डी भी मजबूत होती है।
इस मौके पर अनुमंडल अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. मो. शाहिद, डॉ. अभिषेक, कांग्रेस प्रदेश सचिव फैयाज कैशर, मुखिया सुधीर यादव, मो. इरशाद, मो. शाहिद उर्फ फेकू, विश्वनाथ बक्शी, पूर्णिमा कुमारी, मनजीत कुमार, प्रदीप हेंब्रम मौजूद थे।
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