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    Jharkhand News: मनरेगा योजना में फर्जीवाड़ा, बिना काम के कर दिया भुगतान; अब एक्शन की तैयारी

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 02:31 PM (IST)

    झारखंड में मनरेगा योजना में भारी गड़बड़झाला सामने आया है, जहाँ बिना काम किए ही भुगतान कर दिया गया। इस मामले के उजागर होने के बाद, संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। यह घटना योजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार को दर्शाती है, जिससे वास्तविक लाभार्थियों को नुकसान हुआ है। सरकार से सख्त कार्रवाई की उम्मीद है।

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    मनरेगा योजना में फर्जीवाड़ा

    संवाद सहयोगी, सारठ (देवघर)। सारठ प्रखंड के पलमा पंचायत में मनरेगा योजना में भारी गड़बड़ी करने का मामला सामने आया है। मनरेगा योजना से स्वीकृत डोभा निर्माण में बगैर कार्य किए फर्जी मजदूरों के नाम से सरकारी राशि की अवैध निकासी कर लिए जाने का मामला सामने आ रहा है।

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    पलमा पंचायत के कुशमाहा गांव में लाभुक संगम सिंह के नाम से मनरेगा योजना के तहत डोभा स्वीकृत किया गया है, जिसकी कोड संख्या 7080903228221 है। प्रखंड से 16 मार्च 2024 को योजना की स्वीकृति मिली है, जिसका प्राक्कलन लगभग चार लाख रुपये है।

    कार्यस्थल पर सूचना बोर्ड भी नहीं लगाया गया है, जबकि योजना में सूचना बोर्ड रहना अनिवार्य है, ताकि योजना में पारदर्शिता बनी रहे। ग्रामीण का आरोप है कि उक्त योजना में काम भी नहीं शुरू किया गया, जबकि योजना में फर्जी मजदूरों के नाम पर 45,696 रुपये की निकासी कर ली गई है।

    एक तरफ मनरेगा मजदूर रोजगार नहीं मिलने से दु:खी हैं, तो दूसरी तरफ बिचौलिया फर्जी मजदूरों के नाम से अवैध निकासी कर रहे हैं। ऐसे में सिस्टम पर सवाल उठना लाजमी है।

    मनरेगा अधिनियम की अनदेखी

    केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना खासकर मजदूरों के हित के लिए लाई गई है। मनरेगा अधिनियम के तहत मनरेगा मजदूरों को डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में भुगतान किया जाता है।

    योजना में काम करने वाले मजदूरों का कार्यस्थल पर मास्टर रोल भरा जाता है, लेकिन जब योजना में एक भी मजदूर को नहीं लगाया गया है, बावजूद लगभग 168 मजदूरों के नाम से मजदूरी निकासी कर ली गई। पंचायत में फर्जी मजदूरों के नाम से अवैध राशि की निकासी की जा रही है।

    ग्रामीण राहुल कुमार भोक्ता ने कार्यस्थल दिखाते हुए कहा कि एक दिन भी मजदूर से काम नहीं कराया गया है, लेकिन फर्जी मजदूरों के नाम से राशि निकासी कर ली गई है। बताया कि उक्त पंचायत में मनरेगा योजनाओं में बिचौलिया पूरी तरह से हावी है।

    बिचौलिया पंचायत प्रतिनिधि से लेकर रोजगार सेवक, पंचायत सचिव एवं प्रखंड कर्मी के मिलीभगत से योजना में भारी अनियमितता की जा रही है। शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। बताया कि डीसी एवं डीडीसी के नेतृत्व में इसकी जांच किए जाने पर कई योजनाओं में भारी गड़बड़ी का मामला उजागर होगा।

    अभी बाहर हैं। योजना की समुचित जानकारी लेने के बाद जांच की जाएगी। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। -चंदन कुमार सिंह, बीडीओ सारठ