देवघर के नारायण आश्रम में हर दिन होती है मां के कन्या स्वरूप की आराधना, 15 साल से जल रही साधना की अखंड ज्योति
मां भगवती कहती हैं कि जिस मंदिर में उनकी पूजा नित्य होती है वहां उनका सन्निधान बना रहता है। उस स्थान को वह कभी नहीं छोड़ती है। देवघर में नारायण सेवा आश्रम है। यहां हर दिन कन्या रूपी देवी की आराधना होती है। यह वह देवियां हैं जिनको उनके माता-पिता ने अपनी मजबूरी से इनको अनाथ कर दिया। वह कन्या यहां भगवती की तरह पूजी जाती हैं।

आरसी सिन्हा, देवघर। कौन बनेगा करोड़पति के सेट पर आश्रम की नौ बेटियां नवदुर्गा का रूप लेकर पहुंची थी। केबीसी के सेट पर नवदुर्गा संग सदी के महानायक ने संवाद किया केबीसी से लौटने के बाद अचानक यह आश्रम अंतरराष्ट्रीय पटल पर आ गया।
मंगलवार को महादशमी के अवसर पर इन नौ दुर्गा की विशेष आराधना की गयी। सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में आश्रम के संस्थापक हरे राम पांडेय ने कन्या पूजन किया।
हर दिन करता हूं देवी के कन्या रूप की पूजा
हरे राम ने कहा कि वह 2008 से नवजात के रूप में अनाथ मिली तापसी की पूजा करना शुरू किया था। दुर्गा पूजा में तो मूर्ति की पूजा करने के बाद लोग कन्या पूजन कर अनुष्ठान को संपन्न करते हैं। वह तो हर दिन भगवती के इस रूप की पूजा करते हैं।
कौन बनेगा करोड़पति के सेट से लौटने के बाद दुनियां पुकारने लगी है। बेटियों के हर कष्ट को दूर करने के लिए एक नहीं कई हाथ आगे आ रहे हैं। अब इस अखंड ज्याेति की बाती को घी की कमी नहीं होगी।
हरे राम की तपस्या से जल रहा आश्रम में दीपक
देवघर एक शक्ति स्थल है। सती का हृदय गिरा था, इसलिए यह हृदयपीठ कहलाता है। नारी शक्ति वंदन का विधेयक सदन में आया है। यह आने वाले कल को और मजबूत करेगा। भगवती की शक्ति से तो देवता भी नहीं पार पा सके...। वह आदि और अनंत हैं।
नवरात्र का समापन कन्या पूजन से होता है। हर कन्या में मां के स्वरूप का दर्शन होता है। हर दिन उनकी पूजा की जाती है। नवरात्र में कन्या पूजन और भोजन का विशेष महत्व होता है। मानव जीवन में पूजा पाठ के समय यह होता है।
देवघर के नारायण सेवा आश्रम में ऐसी अनाथ बच्चियों को तकरीबन डेढ़ दशक से हर दिन भगवती की तरह पूजा जा रहा है। देवी के साधना और आराधना की अखंड ज्योति 18 साल से जल रही है।
महानायक ने किया था आमंत्रित
आश्रम के संचालक हरे राम पांडेय की इसी तपस्या से द्रवित होकर सदी के महानायक ने कौन बनेगा करोड़पति के मंच पर 16 अक्टूबर को आमंत्रित किया था।
केबीसी के सेट पर नारायण सेवा आश्रम के संचालक हरे राम पांडेय ने कहा था कि जितनी खुशी साधना करने में नहीं मिली। उसे कहीं अधिक खुशी इन बेटियों की सेवा से मिली है। एलान किया कि मरते मरते इन बेटियों की सेवा करते रहेंगे।
काश आज वह मां कहलाती
सदी के महानायक अपने पिता हरिवंश राय बच्चन की उन पंक्तियों को अपने जीवन में उतारा ही नहीं बल्कि दुनिया को भी केबीसी के सेट पर बताते हैं कि मन का हो तो अच्छा, नहीं हो तो और अच्छा। अब देखिए जिन अनाथ बच्चियों को मां की ममता। माता-पिता का नाम नहीं मिला, यह उसका कल था।
उस मां या अभिभावक की क्या मजबूरी थी यह तो उपर वाला जानता है। उस बच्ची को अनाथ छोड़कर अपना आंचल छुड़ा लेने वाली मां जब केबीसी के सेट पर अपनी औलाद को देखी होगी तो उसका दिल यही कहा होगा कि काश आज वह उसकी मां कहलाती।
बिग बी ने ट्रस्ट को दिया 21 लाख का दान
कौन बनेगा करोड़पति के सेट पर नारायण सेवा आश्रम की नौ देवियां 16 अक्टूबर को पहुंची थी। यह भी एक संयोग ही था। आश्रम की डेढ़ दशक की यात्रा को सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने ही किसी सोशल मीडिया पर देखा था।
उसके बाद उन्होंने केबीसी की टीम को झारखंड के देवघर स्थित नारायण सेवा आश्रम भेजा। अमिताभ इतने द्रवित हो गए कि बतौर व्यक्तिगत सहयोग 21 लाख रुपया ट्रस्ट को दिया। महानायक ने अपने पत्र में इसकी चर्चा किया है।
हरे राम पांडेय को संबोधित पत्र में अमिताभ बच्चन ने लिखा कि केबीसी के मंच पर जब आपको आमंत्रित किया था, तो आप जो सब कार्य कर रहे उसके बारे में हम सबको अवगत कराया।
नारायण सेवा आश्रम द्वारा चलाए जा रहे कुपोषित और लावारिस बेटियों को संरक्षण एवं शिक्षा प्रदान करके उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने का प्रयास सराहनीय है। आशा करता हूं कि इन बेटियों को इतनी शिक्षा अवश्य मिलेगी कि वह सब एक दिन अपने पैरों पर खड़ी होकर देश का नाम रोशन करेगी। अमिताभ ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना के लिए 21 लाख रुपया की भेंट ट्रस्ट को दिया।
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