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    सर्द हवाओं में भी मतदाताओं का ठंडा नहीं पड़ा उत्साह

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 20 Dec 2019 05:17 PM (IST)

    सुबह सात बजे से ही सारवां प्रखंड के विभिन्न मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतार लगनी शुरू हो गई थी। इसमें बड़ी संख्या में आधा आबादी भी अपने प्रतिनिधि को ...और पढ़ें

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    सर्द हवाओं में भी मतदाताओं का ठंडा नहीं पड़ा उत्साह

    देवघर : पिछले तीन दिनों से देवघर शीतलहरी के आगोश में है। शुक्रवार को भी आसमान से गिर रहे कुहासे व सर्द हवाओं का सितम जारी था। मौसम व राजनीति के जानकार यह कयास लगाने लगे थे कि कहीं मतदाता घर से नहीं निकलेंगे लेकिन मॉक पोल के बाद सुबह सात बजे जैसे ही मतदान शुरू हुआ, सारे कयासों को विराम लगाते हुए मतदाता सर्द हवाओं की परवाह किए बगैर अपनी सरकार चुनने के लिए अपने बूथ की ओर निकल पड़े। सुबह सात बजे से ही सारवां प्रखंड के विभिन्न मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतार लगनी शुरू हो गई थी। इसमें बड़ी संख्या में आधा आबादी भी अपने प्रतिनिधि को चुनने को लिए आतुर दिखाई दे रही है। 81 वर्षीय अजोला देवी, 88 वर्षीय शेफाली देवी तो 85 वर्ष कामदेव राय भी क्षेत्र के विकास को लेकर अपनी जिम्मेदारी व मताधिकार का प्रयोग करते हुए नजर आए। वहीं पहली बार मतदान कर रही नेहा कुमारी का उत्साह साफ दिख रहा था। उन्होंने कहा कि युवाओं के सुनहरे भविष्य के लिए उन्होंने मतदान किया। सुबह 10.30 बजे की बात करें तो कई केंद्रों पर तकरीबन 30 प्रतिशत तो कुछ ऐसे थे जहां 50 प्रतिशत मतदान हो चुका था। प्राथमिक विद्यालय सारवां उर्दू के मतदान केंद्र संख्या 208 पर 297 में 136, बूथ संख्या 209 पर 859 में 285 तथा बूथ संख्या 210 पर 1086 मतदाताओं में 283 ने मताधिकार का प्रयोग कर लिया था। उत्क्रमित मवि दलदली के बूथ संख्या 204 पर 712 में 287 तथा 11 बजे मवि बलीडीह के बूथ संख्या 207 पर 631 में 211 मतदाताओं ने मतदान कर लिया था। बलिडीह में जवान व ग्रामीणों में तू-तू-मै-मै

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    सारवां प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बलीडीह स्थित बूथ संख्या 207 पर उस समय अफरातफरा का माहौल बन गया जब मतदान केंद्र पर तैनात रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स के जवान व ग्रामीण आपस में उलझ गए। इसके चलते मतदान महज पांच मिनट प्रभावित हुआ। सूचना पर क्यूआरटी व स्थानीय पुलिस बल के पहुंचने के बाद मामला शांत किया गया। ग्रामीणों का आरोप था कि जवान प्रत्याशी विशेष के पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित कर रहे थे। वहीं जवानों ने बताया कि कतार में बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता लग गए थे, जिनके पास मतदाता पर्ची तो था, लेकिन मतदान के लिए मान्य 12 पहचान पत्र में एक भी नहीं थी। इस पर जवान उन्हें कतार से बाहर करते हुए पहचान पत्र लाने की बात कह रहे थे। जिस पर मतदाताओं का तर्क था कि इसी पर्ची के आधार पर वह पिछले 50 साल से मतदान करते आ रहे हैं, फिर उन्हें क्यों रोका जा रहा है। काफी समझाने के बाद मामला शांत हुआ। वहीं उत्क्रमित मध्य विद्यालय भदियार स्थित बूथ संख्या 199 पर मतदाताओं को ईवीएम रखे जाने को लेकर आपत्ति थी। कुछ मतदाता इस बात पर आपत्ति दर्ज कर रहे थे दोनों ईवीएम को क्रमवार तरीके से क्यों नहीं रखा गया। यहां नीचे क्रम संख्या को पहले तथा पहले क्रम संख्या वाले ईवीएम को बाद में रख दिया गया था। मतदान कर्मियों का कहना था कि इसे फिर से क्रमवार रखने में वीवीपैट से जोड़ना होगा, जिसमें समय लगेगा तथा मतदान प्रभावित होगा।

    पहले मतदान, फिर जलपान : लोकतंत्र का महापर्व सारवां प्रखंड में सही मायने पर पर्व की तरह लग रहा था। मतदान केंद्र पर मेला जैसा नजारा देखने को मिला। मतदान केंद्र के आसपास युवाओं की भीड़ मतदाताओं के सहयोग में लगी थी तो बड़े बुजुर्ग जीत-हार के समीकरण व सरकार बनाने में जुटे थे। उत्क्रमित मध्य विद्यालय बगीचा का माहौल तो देखने लायक था। यहां स्थित बूथ संख्या 205 पर दोपहर 12 बजे तक 620 मतदाताओं में 235 ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया था। विद्यालय के सामने बड़े से मैदान छोला, चाप व समोसा आदि की दुकानें सज गई थी। लोक मतदान करने के बाद इन व्यंजनों का भी आनंद उठा रहे थे। खाते-खाते चुनावी चर्चा में भी मशगूल थे।