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    Jharkhand News: खंडहर में तब्दील हुआ प्राथमिक उप स्वास्थ्य केन्द्र, इलाज के लिए भटकने को मजबूर ग्रामीण

    देवघर के चितरा में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत खस्ता है। सरकार पैसा खर्च कर रही है पर ग्रामीणों को उप स्वास्थ्य केंद्रों में दवा तक नहीं मिल रही। आसनबनी पंचायत का केंद्र खंडहर बन गया है जिससे ग्रामीणों की उम्मीदें टूट गई हैं। 22 किलोमीटर के दायरे में कोई अस्पताल नहीं होने से लोग परेशान हैं और झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर हैं।

    By Ravish Sinha Edited By: Nishant Bharti Updated: Sun, 24 Aug 2025 12:42 PM (IST)
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    बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की उम्मीदों पर फिर रहा पानी

    उमाशंकर तिवारी, चितरा (देवघर)। सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के नाम पर पैसा पानी के जैसा बहाती रही है लेकिन उसका अपेक्षित लाभ आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों की सुविधा के लिए बनाए गए उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर मरहम पट्टी तो दूर दवा की एक गोली भी नसीब नहीं हो रही है। बहुत से उप स्वास्थ्य केन्द्र के वजूद पर ही सवालिया निशान लगने लगा है। इसी सिलसिले में जागरण ने स्वास्थ्य केन्द्र का पड़ताल किया।

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    सारठ प्रखंड के आदिवासी महिला आरक्षित पंचायत आसनबनी में 2010-11 में निर्मित प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र वर्तमान में खंडहरनुमा इमारत बनकर रह गया है। चिकित्सा संबंधी सुविधा मिलने की आस में ग्रामीणों की आंखें पथरा गई। इसका वजूद ही खतरे में नजर आ रहा है। ऐसे में ग्रामीणों के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। ऐसा तब है जब लगभग 22 किलोमीटर की परिधि में एक भी सरकारी अस्पताल नहीं है जहां ग्रामीण जाकर अपना इलाज कर सके।

    क्या कहते हैं पंचायत के ग्रामीण

    मोढ़ाबारी की सामाजिक कार्यकर्ता पूरन मंडल ने कहा कि यहां के 22 किलोमीटर की परिधि में एक भी सरकारी अस्पताल नहीं है, जहां जाकर ग्रामीण अपना प्राथमिक उपचार करा सकें। स्वास्थ्य केंद्र बनाकर सुविधा कुछ भी नहीं मिलती है। केंद्र अच्छी स्थिति में रहता तो उम्मीद भी रहती। अब ये केन्द्र लगभग खत्म हो चुका है।

    विषमाडीह के सुरेश हेंब्रम ने कहा ग्रामीण चिकित्सा व्यवस्था झोलाछाप चिकित्सकों के रहमो करम पर टिका हुआ है। स्वास्थ्य उपकेंद्र के निर्माण से वह व्यवस्था समाप्त होने की उम्मीद जगी थी। लेकिन अब इस केंद्र से ग्रामीणों की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकता मुहैया करा पाना संभव नहीं है। क्योंकि केन्द्र की इमारत खंडहर बन गई है।

    आसनबनी के सोना लाल भंडारी ने कहा इस केंद्र के निर्माण से ग्रामीणों को क्या फायदा हुआ। भवन निर्माण पर बेकार का लाखों रुपए खर्च किया गया। पहले और आज भी पंचायत के लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ने पर दूर दूर शहर में इलाज कराने जाते हैं। यहां प्राथमिक इलाज की सुविधा रहती तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।

    शहरजोरी के सेंटू सिंह ने कहा गरीब तबके के लोगों को इस केंद्र के बन्ने से स्वास्थ्य संबंधी सुविधा मिलने की उम्मीद थी। लेकिन इस इमारत के खंडहर बन जाने से उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। परंतु हम पूरी तरह से निराश नहीं हुए हैं। अभी भी आस लगाए बैठे हैं कि स्वास्थ्य केंद्र को ठीक-ठाक कर सुविधा मुहैया जाएगी । वहीं इसके भवन का जीर्णोद्धार कराया जाए।