Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Shibu Soren: दूध, साग और चावल के शौकीन थे गुरुजी, इतना कहते कहते रो पड़े नौशाद

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 03:09 PM (IST)

    मोहनपुर प्रखंड के पाटजोर निवासी मो नौशाद ने गुरुजी के निधन के बाद उनकी समृतियों को साझा किया। आंदोलन की पूरी दास्तां सुनाने के क्रम में कांग्रेस की दमनकारी नीति की चर्चा करते हुए कहा कि वह गुरुजी के साथ दुमका में स्थापना दिवस समारोह में जा रहे थे। उस वक्त के उपायुक्त यूडी चौबे हमलोगों को खोज रहे थे।

    Hero Image
    अब स्मृतियों में रह गए हैं गुरुजी।

    जागरण संवाददाता, देवघर । आंदोलन में 1978 से देवघर में कोई साथ था तो वह मोहनपुर प्रखंड के पाटजोर के रहने वाले मो नौशाद हैं। गुरुजी के निधन की खबर सुनकर अपने को संभाल नहीं पा रहे हैं।

    आंदोलन की पूरी दास्तां सुनाने के क्रम में कांग्रेस की दमनकारी नीति की चर्चा करते हुए कहा कि वह गुरुजी के साथ दुमका में स्थापना दिवस समारोह में जा रहे थे।

    उस वक्त के उपायुक्त यूडी चौबे हमलोगों को खोज रहे थे। गोपनीय सूचना मिली की दोनों को खोज कर गोली मार दी जाएगी। हमलोग दुमका के जामा के पास गाड़ी छोड़कर खेते खेत भागने लगे।

    रास्ते में एक सूखा कुंआ में गिर गए। पायजामा फट गई। गुरुजी ने गांव वालों से सहायता मांगी, तब लूंगी दी गई। लूंगी पहन देर रात दुमका कलक्टर आफिस के सामने मैदान में गुरुजी ने सभा की।

    70 से अधिक बसंत देख चुके उम्र की पीड़ा से परेशान मो नौशाद का गांव त्रिकुट पहाड़ के पीछे है। मो नौशाद का शरीर कमजोर हो गया है ।

    लेकिन आज भी आंदोलन की चर्चा करते वक्त वह पुरानी ताकत लौटती दिखी। कहा कि जब रासुका लगा था और पुलिस खोज रही थी,तब त्रिकुट पर्वत के पीछे धान के खेत में हम दोनों ने दो दिन तक साथ छिपकर रात बिताए थे। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    झारखंड आंदोलन का सपना हेमंत को पूरा करना होगा 

    यह कहकर रो पड़े कि अब झारखंड का क्या होगा। रोते रोते यह कहते रहे कि गुरुजी का सपना गुरुजी की तरह बनकर हेमंत जी को पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी है। और भी .... ।