हत्या के 3 दिन पहले ही कैसे दर्ज हो गई FIR? पुलिस विभाग की कार्यशैली पर उठे सवाल
देवघर में हत्या के तीन दिन पहले ही एफआईआर दर्ज होने से पुलिस विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। इस घटना ने कानून व्यवस्था और पुलिस जांच प्रक्रिया ...और पढ़ें
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नगर थाना पहुंचे बड़ी संख्या में लोग। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, देवघर। मार्डन पब्लिक स्कूल के सामने हुई घटना में आलोक कुमार की मौत को लेकर नगर थाना में दर्ज मामले की तारीख को लेकर बड़ा बखेड़ा खड़ा तब हो गया, जब घटना के सूचक मृतक के बड़े भाई आशुतोष कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग नगर थाना पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने बताया कि घटना नौ दिसंबर की है और नगर थाना में दर्ज एफआइआर में घटना की तिथि छह दिसंबर दर्ज है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इतनी बड़ी चूक का फायदा आरोपितों द्वारा कोर्ट में उठाया जा सकता है।
नहीं दर्ज हुआ आर्म्स एक्ट का मुकदमा
एफआइआर पर सवाल उठाते हुए कहा कि घटना के दौरान सारी वारदात सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई है। फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि किस तरह से पिस्टल लहराया गया, बावजूद एफआइआर में आर्म्स एक्ट को दर्ज नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि घटना में शामिल आरोपित राहुल चंद्रवंशी व उनके भाई को पुलिस अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि कहा कि घटना के बाद उनका भाई जिंदा था। समय पर उसे इलाज के लिए नहीं जाने दिया गया।
अगर समय पर इलाज मिल जाता तो शायद उसकी जान बच सकती थी। बताया कि घटना के बाद उसे भाई ने शरीर में दर्द होने की बात कहा था, लेकिन आरोपित सहित उसके अन्य साथियों के डराए-धमकाए जाने की वजह से निजी अस्पताल में भर्ती नहीं लिया गया।
पुलिस की कार्यशैली से प्रतीत होता है कि आरोपितों को बचाने में जुटी है। एसपी को भी सारी बातों से अवगत करा दिया गया है।

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