Dhanteras-Diwali Shubh Muhurat: धनतेरस से लेकर दिवाली तक क्या है शुभ मुहूर्त? यहां जानें पंडितों की राय
इस साल दिवाली 31 दिसंबर को मनाई जा रही है। धनतेरस 2024 की तिथि शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में जानें। इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है जो इसे और भी शुभ बनाता है। इस दिन स्थिर लग्न का शुभ मुहूर्त शाम 0642 से रात 0840 मिनट तक रहेगा।
जागरण संवाददाता, देवघर। इस बार तिथियों के हेरफेर के कारण पूजा के आयोजन को लेकर लोगों में असमंजस की स्थित है। दुर्गा पूजा के दौरान भी कुछ ऐसा ही देखा गया था। अब धनतेरस, दीपावली को लेकर भी लोगों के मन में कई सवाल है।
इसको लेकर पंडा समाज जन कल्याण मंच द्वारा आमजन के लिए सूचना जारी की गई है। इसके तहत हृदयपीठ पंचांग के अनुसार धनतेरस, यमदीया, दीपावली, देवोत्थान एकादशी के बारे में जानकारी दी गई है।
धनतेरस के संबंध में
कार्तिक मास कृष्णपक्ष तिथि प्रदोष (द्वादशी मिश्रित त्रियोदशी) धनतेरस 29 अक्टूबर 2024 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है।
त्रिपुष्कर योग 29 अक्टूबर 2024 दिन मंगलवार को प्रातः छह बजकर 27 मिनट से रात आठ बजकर छह मिनट तक रहेगा। हृदयपीठ पंचांग के अनुसार, धनतेरस के दिन स्थिर लग्न का शुभ मुहूर्त का समय शाम 06:42 से रात 08:40 मिनट तक रहेगा।
यमदीया के संबंध में
कार्तिक मास कृष्णपक्ष चतुर्दशी तिथि दिनांक 30 अक्टूबर 2024 दिन बुधवार को यमदीया प्रज्वलन का शुभ मुहूर्त शाम पांच बजकर आठ मिनट से शाम पांच बजकर 56 मिनट तक है।
दीपावली के संबंध में
कार्तिक मास कृष्णपक्ष अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर 2024 गुरुवार को अमावस्या प्रवेश का समय दिन तीन बजकर 25 मिनट के बाद से होगा तथा चित्रा नक्षत्र रात एक बजकर सात मिनट तक रहेगा। प्रीति योग दिन में 11 बजकर 31 मिनट के बाद से शुरू होगा।
अमावस्या चित्रा नक्षत्र और प्रीति योग का मिलन दिनांक 31 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार को होने से यह अति शुभ मंगलकारी संयोग हो रहा है।
इसलिए दिनांक 31अक्टूबर 2024 की दीपावली मंगलकारी है तथा रात को महालक्ष्मी पूजन संकल्प का शुभ स्थिर लग्न मुहूर्त रात सात बजकर नौ मिनट से रात नौ बजकर पांच मिनट तक रहेगा। महाकाली पूजा मुहूर्त रात 11 बजकर 34 मिनट से रात 12 बजकर 25 मिनट तक रहेगा।
भैया दूज के संबंध में
तीन नवंबर 2024 दिन रविवार कार्तिक मास शुक्लपक्ष द्वितीया तिथि को भैया दूज त्योहार मनाया जाएगा। जिसका शुभ मुहूर्त सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। पुनः दोपहर दो बजे से दोपहर तीन बजकर 30 मिनट तक है |
देवोत्थान एकादशी के संबंध में
12 नवंबर 2024 दिन मंगलवार कार्तिक मास शुक्लपक्ष तिथि एकादशी मिश्रित द्वादशी होने के कारण यह परविद्धा एकादशी हो रहा है । इसलिए पद्मपुराण के अनुसार देवोत्थान एकादशी व्रत पूजा दिनांक 12 नवंबर 2024 दिन रविवार क़ो मनाया जाएगा।
इस दिन सूर्योदय से यानि की प्रातः छह बजकर 33 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक चंद्रमा विचरण के कारण भद्रावास पृथ्वी लोक पर रहेगा । जोकि अति अशुभ है । इस समय कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत करना वर्जित रहेगा।
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