भुगतान विवाद में फंसा देवघर नगर निगम, एजेंसी और कर्मियों की हड़ताल से घरों में जमा हुआ कूड़ा
देवघर नगर निगम में भुगतान विवाद के चलते कचरा उठाने वाली एजेंसी के कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी है। इससे शहर में डोर-टू-डोर कचरा उठाने का काम ठप हो गया ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देवघर। निगम वासियों को एक बार फिर से घरों में जमा होने वाले कचरा का कहां फेंके, यह परेशानी सताने लगी है। मजबूरन लोगों को कचरा बाहर फेंकना पड़ रहा है। आखिर निगमवासी करने तो क्या करें ,जब कचरा उठाव करने वाली एमएसडब्ल्यूएम के कर्मियों द्वारा काम बंद कर दिया है।
इसका सीधा असर डोर टू डोर कचरा उठाव पर पड़ रहा है। कचरा लेने गाड़ी घर तक पहुंचती नहीं और कचरा घरों में धरा का धरा रह जाता है। पिछले तीन दिनों से ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। इंतजार करते-करते लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा है और घरों में जमा कचरा को फेंकना उनकी मजबूरी बन गई है।
तीन महीने से वेतन बताया
यह परेशानी एजेंसी के कर्मियों द्वारा भुगतान नहीं किए जाने के एवज में काम बंद कर दिया है। एजेंसी के लगभग 250 कर्मियों का तीन महीने से बकाया है। जबकि इससे पूर्व भी कई महीनों का पूरा भुगतान नहीं किया गया था।
कर्मियों का कहना है कि जब तक एजेंसी भुगतान नहीं करती है तब तक काम पर वापस नहीं लौटेंगे। वहीं एजेंसी के प्रबंधक जयप्रकाश राय का कहना है कि एजेंसी को निगम प्रशासन की ओर से भुगतान नहीं किया गया है। निगम द्वारा एजेंसी को लगभग तीन करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करना है।
एजेंसी और निगम प्रशासन के बीच बातचीत
भुगतान को लेकर एजेंसी और निगम प्रशासन के बीच बातचीत भी हुई लेकिन समाधान नहीं निकल पाया है। निगम प्रशासन का कहना है कि फंड नहीं होने की वजह से भुगतान नहीं किया जा रहा है लेकिन फंड के प्राप्त होते हुए भुगतान कर दिया जाएगा।
इस संबंध मुख्यालय को पत्राचार भी किया गया है। निगम व एजेंसी के बीच फंसा भुगतान का मामले का सीधा असर एजेंसी के कर्मियों पर पड़ रहा है। देखना है कि कब तक इसका सकारात्मक पहलू निकल कर सामने आता है।

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