देवघर में बनेगा सुपर कंप्यूटर और क्वांटम कम्प्यूटिंग सेंटर, युवाओं को तकनीकी रूप से किया जाएगा मजबूत
देवघर में पूर्वी भारत का पहला सुपर कंप्यूटर सेंटर स्थापित होगा। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय द्वारा स्थापित यह सेंटर युवाओं को इमर्जिंग टेक्नोलॉजी जैसे क्वांटम कंप्यूटिंग आईओटी और रोबोटिक्स में प्रशिक्षित करेगा। सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क में स्थापित होने वाले इस सेंटर के लिए 150 करोड़ का प्रस्ताव है जिससे 1.35 लाख युवाओं को लाभ मिलेगा।

आरसी सिन्हा, देवघर। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के रिसर्च एंड डेवलपमेंट की ओर से पूर्वी भारत के इकलौता सुपर कंप्यूटर सेंटर की स्थापना देवघर में होगी। देवघर से पहले यह पुणे और बेंगलुरु में इस तरह का केंद्र है। इसे संताल परगना आईटी हब के रूप में जाना जाएगा। गोड्डा संसदीय क्षेत्र अब रोजगार देने में राष्ट्रीय स्तर का केंद्र हो जाएगा।
पूर्वी भारत के युवाओं को देवघर में प्रशिक्षण मिलेगा। नई पीढ़ी को इमर्जिंग टेक्नोलॉजी में एक्सपर्ट करेगी। क्वांटम कंप्यूटिंग, आईओटी, रोबोटिक्स और भावी पीढ़ी के युवा वैज्ञानिकों की जरूरतों के हिसाब से उनको प्रशिक्षित किया जाएगा।
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (एसटीपीआइ) में इसकी स्थापना होगी। सेंटर की स्थापना में 150 करोड़ का प्रस्ताव है। इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय को प्रस्ताव सौंपा गया है।
यहां से प्रशिक्षण लेने के बाद युवा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों में नौकरी पा सकेंगे। एसटीपीआई में 20 हजार वर्ग फीट के लिए पत्र दिया गया है। सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) नाम से सेंटर की स्थापना होगी।
भावी पीढ़ी के युवा वैज्ञानिक का एडवांस टेक्नोलॉजी
तकनीक उद्योग में बदलाव को देखते हुए इमर्जिंग टेक्नोलॉजी पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह आईटी में अपना भविष्य संवार सकें। युवाओं को उस लायक बनाया जाएगा। यहां इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक्स और क्वांटम कंप्यूटिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
यह दुनियां का सबसे एडवांस टेक्नोलऑजी होगा। सी-डैक पटना के डायरेक्टर आदित्य सिन्हा ने बताया कि सुपर कंप्यूटर सेंटर की स्थापना के बाद 1.35 लाख भावी पीढ़ी को इमर्जिंग टेक्नॉलाजी में एक्सपर्ट किया जाएगा। देवघर में सी-डैक और एसटीपीआई इस पर संयुक्त रूप से काम करेगा।
क्या है IOT
इंटरनेट ऑफ थिंग्स एक ऐसा नेटवर्क है जिससे उपकरण, वाहन, घरेलू उपकरण इंटरनेट से जुड़े होंगे। ये सभी सेंसर, सॉफ्टवेयर और अन्य तकनीक से लैस होंगे। क्योंकि इसमें सेंसर, सॉफ्टवेयर और अन्य प्रौद्योगिकियां लगी होती है। जो इंटरनेट पर जुड़ने और डाटा के आदान-प्रदान की अनुमति देती है।
देवघर में पूर्वी भारत का पहला सुपर कंप्यूटर सेंटर की स्थापना होगी। सेंटर में इमर्जिंग टेक्नोलॉजी, क्वांटम कंप्यूटिंग, आईओटी, रोबोटिक्स और भावी पीढ़ी के युवा वैज्ञानिकों की जरूरतों के हिसाब से उनको प्रशिक्षित किया जाएगा। एसटीपीआइ में इसकी स्थापना होगी। सेंटर की स्थापना में 150 करोड़ का प्रस्ताव है। इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय को मेरे द्वारा प्रस्ताव सौंपा गया है। -डॉ. निशिकांत दुबे, गोड्डा सांसद।
बाक्स आइटम
- सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क देवघर में होगी स्थापना।
- इर्मजिंग टेक्नोलॉजी, आईओटी और रोबोटिक्स।
- एसटीपीआई में ई लर्निंग प्लेटफॉर्म होगा
- सेंटर में क्वांटम कम्यूटिंग की स्थापना।
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