कौन हैं श्वेता शर्मा? आबुआ जादुई पिटारा बनाकर आई थी सुर्खियों में, अब राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए हुईं चयनित
देवघर की शिक्षिका श्वेता शर्मा को 2025 के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुना गया है। उन्होंने अबुआ जादुई पिटारा बनाकर शिक्षा में नवाचार किया जिससे बच्चों को खेल-खेल में सीखने में मदद मिली। 2019 में राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार जीतने वाली श्वेता को ज्यूरी ने भी सराहा। झारखंड से एकमात्र शिक्षिका के तौर पर उनका चयन गर्व का विषय है। वह दीक्षा पोर्टल पर ई-कंटेंट क्रिएटर भी हैं।
आरसी सिन्हा, देवघर। श्वेता शर्मा सहायक शिक्षिका के पद पर 2004 में कुशमाहा के एक छोटे से विद्यालय में योगदान दिया। अपनी प्रतिभा और खेल-खेल में बच्चों को पढ़ाने की कला ने उनको पाठ्यपुस्तक निर्माण में क्रियेटर और इलस्ट्रेटर के रूप में स्थापित कर दिया।
जिला, राज्य और 2019 में राष्ट्रीय आईसीटी अवॉर्ड ले चुकी श्वेता शर्मा 2025 में सर्वोच्च पुरस्कार, राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित हुई है। झारखंड से एकमात्र टीचर का चयन हुआ है।
देशभर से 45 शिक्षक का चयन किया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर सूची जारी कर दी गई है। राष्ट्रीय पुरस्कार का मेल आते ही श्वेता की आंखें खुशी से छलक गई और पहला लब्ज यही निकला मैं जीत गई....!
अबुआ जादुई पिटारा बनाकर सुर्खियों में आई और जीत लिया अवॉर्ड
नयी शिक्षा नीति 2020 में पहली बार कक्षा पहली और दूसरी के लिए विशेष रूप से फोकस किया गया। नेशनल केरिकुलम फ्रेम वर्क फॉर फाउंडेशन स्टेज 2022 पुस्तक के अनुरूप बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाना था।
श्वेता शर्मा को पढ़ाई और बच्चों से बहुत लगाव है। वह बताती हैं कि राष्ट्रीय स्तर के चयन के लिए ज्यूरी के समक्ष सात मिनट में अपनी बात रखनी थी। भारत सरकार ने 2023 में जादुई पिटारा लांच किया। उसमें 52 आइटम थे।
सभी राज्यों को कहा गया था कि वह अपने स्टेट के अनुसार पिटारा को तैयार करे। बस क्या था श्वेता ने अभिभावक, जन सहयोग और कुछ अपने वेतन की राशि खर्च कर पिटारा बनाया और उसका नाम दिया अबुआ जादुई पिटारा। इसमें सोहराय, बैद्यनाथ पेंटिंग, कपड़ा का पुतला, झांझर, डफली जैसे पांच वाद्य यंत्र को रखा।
अब इससे बच्चों को पढ़ाने लगी। ना सिर्फ अपने स्कूल के बच्चों को पढ़ाने लगी बल्कि स्टेट ट्रेनर होने के नाते राज्य के शिक्षकों को अपने पिटारा से अवगत कराने लगी।
श्वेता कहती हैं कि ज्यूरी ने उनसे कहा कि प्राइमरी टीचर खासकर पहली और दूसरी कक्षा के शिक्षक के प्रति धारणा अलग होती है। लेकिन आपने खुद को अपग्रेड और अपडेट किया। भारत सरकार के गाइड लाइन के मुताबिक बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाया। नाम भी अबुआ जादुई पिटारा दिया।
इतना ही नहीं दूसरे स्कूल के शिक्षकों को भी अपने अनुभव से अपडेट और अपग्रेड करने की कोशिश किया। यह बड़ी बात है। श्वेता ने कहा कि उनके चयन का यही सबसे बड़ा आधार रहा है।
श्वेता बीएससी बीएड हैं। इग्नू से अंग्रेजी भाषा में एमए किया है। पिछले 21 वर्षों से सरकारी शिक्षिका के रूप में कार्यरत।
वर्ष 2017 में जिला स्तरीय श्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार, 2018 में राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार और 2021 में राष्ट्रीय आईसीटी अवार्ड से सम्मानित हो चुकी हैं।
राज्यस्तरीय सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी समूह एवं दीक्षा पोर्टल पर कंटेंट क्रिएटर और एनिमेटर हैं। अभी तक दीक्षा एप के लिए 50 से अधिक एवं डिजिस्कूल के लिए 75 से अधिक ई-कंटेंट का निर्माण कर चुकी हैं।
राष्ट्रीय स्तर के इंस्पायर अवॉर्ड में 2015 में देवघर का किया प्रतिनिधित्व
2004 में एक ग्रामीण विद्यालय -प्राथमिक विद्यालय कुशमाहा में सचिव के रूप में पदस्थापित हुई श्वेता शर्मा, बन्द होने के कगार पर खड़े विद्यालय को पुनर्जीवित किया।
वर्तमान में 2012 से राजकीय कृत विवेकानंद मध्य विद्यालय में कार्यरत है। वर्ष 2015 में आईआईटी दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के इंस्पायर अवार्ड विज्ञान प्रदर्शनी में अपने स्कूल के छात्र रतन कुमार के साथ पहली बार देवघर का प्रतिनिधित्व किया। जिसमें झारखंड ने राष्ट्रीय स्तर पर पांच वां स्थान हासिल किया।
वर्ष 2016 से अंग्रेजी पाठ्यपुस्तक विकास कोर टीम में कंटेंट क्रिएटर एवं इलस्ट्रेटर
सरकारी स्कूलों में शिक्षा के साथ भारतीय संस्कृति को जोड़ने के लिए सांस्कृतिक संसाधन और प्रशिक्षण केंद्र, दिल्ली के साथ राज्य स्तर पर 2017 से कार्य कर रही है। छात्रों को देश की विरासत से परिचित कराने के लिए स्कूल और सार्वजनिक स्तर पर प्रदर्शनियों का आयोजन समय समय पर करती है। अंग्रेजी पाठ्यपुस्तक विकास कोर टीम में 2016 से क्रियेटर और इलस्ट्रेटर हैं।
निश्शुल्क अंग्रेजी ट्यूटोरियल समूह बनाया
लाकडाउन में शिक्षार्थियों समूह की स्थापना की। अब तक झारखंड से जुड़ा यह एकमात्र स्कूल है। पूरे देश में चल रहे लाकडाउन शिक्षार्थियों के समूह को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2020 के 10 सर्वश्रेष्ठ नवीन प्रथाओं के बीच चिह्नित किया गया था।
राष्ट्रीय आईसीटी अवॉर्डी भी रही हैं श्वेता
मानव संसाधान विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वर्ष 2010 से देश भर के स्कूलों में सूचना और संचार प्रोद्योगिकी के उपयोग करते हुए शिक्षा में नवाचारों के लिए आईसीटी का उपयोग करने के लिए शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय आईसीटी अवॉर्ड प्रदान किया जाता है।
मध्य विद्यालय विवेकानंद देवघर की शिक्षिका श्वेता शर्मा इससे पहले राष्ट्रीय आईसीटी अवॉर्ड 2019 से पुरस्कृत हो चुकी हैं। झारखंड से केवल दो शिक्षकों को यह अवार्ड अब तक मिला है। जिसमें एक श्वेता रही है।
गौरवशाली पल है। झारखंड से एकमात्र शिक्षक को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। जिसमें देवघर की टीचर श्वेता शर्मा का चयन हुआ है। देवघर गौरवान्वित हुआ है। देवघर के शिक्षक इस क्रम को बनाए रखें, यही शुभकामना है। - विनोद कुमार, डीईओ देवघर।
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