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    Ration Card: देवघर में 10,110 फर्जी राशनकार्ड धारी अब भी रडार से बाहर, अब होगा डोर-टू-डोर सत्यापन

    By Ravish SinhaEdited By: Piyush Pandey
    Updated: Thu, 09 Oct 2025 04:17 PM (IST)

    देवघर में राशन कार्ड में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सरकार सख्त है। 2,20,091 राशनकार्ड धारकों में से 31,850 मानक पर खरे नहीं उतरे। 20 हजार कार्ड डिलीट किए गए, लेकिन 10,110 अभी भी बाकी हैं। सरकार ने डोर-टू-डोर सत्यापन का निर्देश दिया है, लेकिन कर्मचारियों की कमी से अड़चन आ रही है।

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    राशन कार्ड का होगा सत्यापन। (फोटो जागरण)

    आरसी सिन्हा, देवघर। देवघर में 220091 राशनकार्ड धारी हैं। फर्जीवाड़ा रोकने के लिए आधार सीडिंग की गई। मोबाइल नंबर अपडेट किया गया। यह अभियान देशभर में चला। इसके पीछे कई कारण थे। एक तो देशभर में कहीं से कोई राशन उठा सकता है।

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    एक राशनकार्ड होगा। उसका सारा डिटेल सरकार के पास होगा। फर्जीवाड़ा को रोका जा सकेगा। इस सब के बाद पोर्टल पर एक एक जिले की मॉनीटरिंग की गई। तब आंकड़े रिफलेक्ट करने लगे। देवघर में 2,20,091 राशनकार्ड धारी में 31,850 कार्डधारक मानक पर खर नहीं हैं।

    सरकार ने इन सबका भौतिक सत्यापन कर सूची से बाहर करने का निर्देश और समय सीमा तय कर दिया। उन आंकड़ों का भौतिक सत्यापन किया गया। अब तक तकरीबन 20 हजार कार्डधारक को सूची से डिलीट किया गया।

    सरकार ने ऐसे सभी संदिग्ध को 30 सितंबर तक डिलीट करने को कहा था। परंतु अब भी 10,110 कार्डधारी जो गलत तरीके से राशन उठा रहे हैं या सूचीबद्ध होकर अन्य लाभ ले रहे हैं, नहीं खोजे जा सके हैं। यदि यह डिलीट हो जाएंगे तो क्यू में लगे जरूरतमंद को उनका हक मिल जाएगा।

    चार श्रेणी में इनका सत्यापित होना बाकी

    • जिनकी मृत्यु हो चुकी - 1638 कार्डधारक
    • 100 से अधिक आयु वर्ग-1356 कार्डधारक
    • 6 महीना से राशन नहीं उठा रहे-4399 कार्डधारक
    • दूसरे प्रांत में है इनका नाम-2717 कार्डधारक

    डोर टू डोर होना है सत्यापन

    सरकार ने चिह्नित कार्डधारियों को सीधे खारिज करने का निर्देश नहीं दिया है। कहा गया है कि जिलावार इसकी जमीनी स्तर पर तहकीकात की जाए। इसके बाद ही डिलीट होना है। देवघर में भौतिक सत्यापन में ग्राउंड लेवल पर सूची के मुताबिक कई लोग सही भी पाए गए हैं। यही कारण है कि बहुत ही सावधानी से यह किया जा रहा है। लेकिन विलंब भी हो रहा है।

    अड़चन 

    खाद्य आपूर्ति विभाग का फील्ड में अपना कर्मचारी नहीं है। वह बोरो प्लेयर से काम चला रहा है। एक भी एमओ विभाग का नहीं है। वह दूसरे विभाग के प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी को नामित कर काम चला रहा है। जबकि एमओ को ही रिपोर्ट के आधार पर अपने लॉगिन से डिलीट करना है। इसमें जिला आपूर्ति पदाधिकारी के लॉगिन तक भी नहीं आना है। एमओ के लॉगिन तक आने में भौतिक सत्यापन में पीडीएस डीलर को मदद करनी है।

    एमओ को कहा गया है कि वह जल्द सूचीबद्ध् लोगों का भौतिक सत्यापन कर पोर्टल पर उसे निष्पादित कर अपडेट करें। यह सही है कि 30 सितंबर तक अंतिम तिथि दी गयी थी। बहुत सारा डिसपोजल हुआ भी है। सावधानी के साथ काम किया जा रहा है। लेकिन जल्द पूरा करने की हिदायत दी गयी है।

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    - प्रीतिलता किस्कू, डीएसओ देवघर।