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    देवघर: अब बाबा बैद्यनाथ को स्‍पर्श कर सकेंगे श्रद्धालु, सावन भर दूर से ही करना होता है दीदार, जानिए वजह

    देवघर में श्रावणी मेले का समापन रक्षा बंधन के साथ गुरुवार को हो जाएगा। बाबा को सुबह की पूजा में रक्षा सूत्र अर्पित होगा। इसके बाद से श्रद्धालुजन शिवलिंग को स्पर्श कर पूजा कर सकेंगे। कल से प्राचीन भादो मेला शुरू होगा। भादो में भी लाखों की संख्या में कांवड़िये बाबा की पूजा-अर्चना करने आते हैं। जन्माष्टमी सात सितंबर को है और उसके बाद अचानक भीड़ बढ़ेगी।

    By Ravish SinhaEdited By: Yashodhan SharmaUpdated: Wed, 30 Aug 2023 07:42 PM (IST)
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    अब बाबा बैद्यनाथ को स्‍पर्श कर सकेंगे श्रद्धालु, सावन भर दूर से ही करना होता है दीदार, जानिए वजह

    जागरण संवाददाता, देवघर: देवघर में श्रावणी मेले का समापन रक्षा बंधन के साथ गुरुवार को हो जाएगा। बाबा को सुबह की पूजा में रक्षा सूत्र अर्पित होगा। इसके बाद से श्रद्धालुजन शिवलिंग को स्पर्श कर पूजा कर सकेंगे।

    कल से प्राचीन भादो मेला शुरू होगा। भादो में भी लाखों की संख्या में कांवड़िये बाबा की पूजा-अर्चना करने आते हैं। जन्माष्टमी सात सितंबर को है और उसके बाद अचानक भीड़ बढ़ेगी।

    दो महीने के श्रावणी मेले में भीड़ को देख अरघा लगाया गया था। भक्त उसी माध्यम से जलार्पण कर रह थे। गुरूवार को दोपहर बाद अरघा हट जाएगा।

    उपायुक्त विशाल सागर ने कहा कि एक सितंबर यानि शुक्रवार से बाबा बैद्यनाथ की स्पर्श पूजा शुरू होगी। शीघ्रदर्शन की भी सुविधा भक्तों को मिलेगी।

    भक्तों की संख्या देख होगा व्यवस्था में बदलाव

    सुरक्षित एवं सुलभ जलार्पण प्रशासन की प्राथमिकता है। कतार व्यवस्था से भक्तों को जलार्पण कराया जाएगा। भादो में 1200 सुरक्षाबलों की प्रतिनियुक्ति रहेगी। एक सप्ताह बाद भक्तों के आने की संख्या की समीक्षा करने के बाद व्यवस्था में बदलाव किया जा सकता है।

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    बता दें कि सावन के साथ पुरुषोत्तम मास लगने के कारण 19 साल बाद दो महीना का मेला एक साथ हो गया। सरकार और प्रशासन ने दो महीना के लिए एक समान व्यवस्था बनाकर रखा।

    लगभग दस हजार सुरक्षा बल को प्रतिनियुक्त किया गया था। डीएसपी स्तर के 25 से अधिक अधिकारी। चार सौ से अधिक दंडाधिकारी मेला की व्यवस्था काे देख रहे थे।

    दिन-रात सफाई और अबाधित बिजली की व्यवस्था। एनडीआरएफ की टीम। शिवगंगा सरोवर में श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त वाटर लेजर शो की व्यवस्था की गयी थी।

    पुलिस पदाधिकारी और जवान होंगे प्रतिनियुक्त

    श्रावणी मेला के समाप्त होने से पूर्व ही सभी विभाग की ओर से भादो मेले की तैयारी को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।

    भादो मेला के दौरान श्रद्धालुओं को सुगम और सुरक्षित जलार्पण कराने के लिए अन्य जिला व जैप से पुलिस पदाधिकारी व जवानों को प्रतिनियुक्त किया जाएगा।

    प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी व जवानों के आवासन को लेकर एसपी ने उपायुक्त को पत्राचार कर चिह्नित किए गए आवासन स्थल उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।

    आवासन स्थल के लिए होटल मैनेजमेंट कॉलेज, कुमैठा, स्पोर्ट महिला व पुरुष हास्टल, शूटिंग रेंज, चंद्रशेखर भवन, महिला छात्रावास, क्लब देवघर, नरेंद्र देव भवन, रैन बसेरा व डाबर इंडिया लिमिटेड को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।

    कल होना है मेले का समापन

    श्रावण पूर्णिमा के साथ विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का समापन गुरूवार को हो जाएगा। अक्सर देखा गया है कि सुबह थोड़ी भीड़ होती है। उसके बाद अचानक मंदिर परिसर खाली हो जाता है।

    पूर्णिमा की दो तिथि हो जाने के कारण सुल्तानगंज घाट पर बुधवार को भी जल भरने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही। सुल्तानगंज से कांवर लेकर पैदल यात्रा करते हुए श्रद्धालु बड़ी संख्या में बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचेंगे।

    गुरुवार को 2:30 बजे के बाद जिला प्रशासन एवं मंदिर प्रबंधन की मौजूदगी में अरघा को हटा दिया जाएगा । श्रावणी मेला समाप्त होते ही भादो मेला का आगाज होगा।

    गुरुवार से स्पर्श पूजा शुरू

    बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्पर्श पूजा करने के लिए गुरुवार से पहुंचने लगेंगे। अपने तीर्थ पुरोहित या धर्मशाला में रुकेंगे और अरघा हटने का इंतजार करेंगे। अरघा हटते ही स्पर्श पूजा शुरू हो जाएगी।

    अभी मेला में मंदिर के पट 3:05 पर खुल रहे थे। भादो में इस समय को थोड़ा बढ़ा दिया जाएगा। इसे भी आमजन को अवगत कराया जाएगा।

    परंपरा के अनुसार बुधवार को कांचाजल के बाद सरदारी पूजा किया गया। पूजा संपन्न होने के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए पट खोल दिया गया। हर-हर महादेव के उद्घोष से मंदिर परिसर गूंज उठा।

    कब से हटेगा अरघा

    एसडीओ दीपांकर चौधरी ने जानकारी दी कि स्टेट पुरोहित के द्वारा समय निर्धारित कर ढाई बजे के बाद अरघा हटाया जाएगा।

    इसके बाद जिला प्रशासन एवं मंदिर प्रबंधन के लोग बाबा की विशेष पूजा अर्चना करेंगे। उसके बाद स्पर्श पूजा शुरू हो जाएगी। अति प्राचीन भादो मेला के लिए भी तैयारी पूरी कर ली गई है।