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    असुविधा से परेशान ग्रामीण, पानी के लिए लगा रहे गुहार; समाधान के नाम पर मिलता है आश्वासन

    Updated: Sun, 29 Jun 2025 12:19 PM (IST)

    देवघर के करौं प्रखंड स्थित लकरछरा गांव में विकास की रोशनी अब तक नहीं पहुंची है। यहां के लोग पेयजल स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। मुख्य सड़क जर्जर है पेयजल आपूर्ति छह साल से ठप है और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। ग्रामीण सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए बाट जोह रहे हैं। ग्रामीण पेयजल आपूर्ति को चलाने की मांग कर रहे हैं।

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    लकरछरा गांव में असुविधा से ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी।

    संवाददाता जागरण, करौं (देवघर)। सरकार गांवों की स्थिति में बदलाव लाने एवं विकास के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। ताकि लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाया जा सके। मगर प्रखंड के कई गांवों में अभी तक विकास की रोशनी नहीं पहुंची है।

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    डिंडाकोली पंचायत के लकरछरा गांव इसका एक उदाहरण है। यहां के लोग आज भी तंगहाली में जीने को विवश है। पेयजल, स्वास्थ्य, रोजगार समेत अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ अबतक नहीं मिल सका है।

    यहां लगभग 30 घर पिछड़ा वर्ग का है और आबादी लगभग डेढ़ सौ के करीब है। मुख्य सड़क से गांव के अंदर जानेवाली सड़क पर हुई पीसीसी की स्थिति काफी जर्जर है। जिस पर लोगों को आवाजाही में परेशानी होती है।

    कहने को तो यहां दो हैंडपंप हैं। एक नजदीक तो दूसरा हैंडपंप गांव से थोड़ी दूर पर स्थित है। हैंडपंप पर पानी लेने वालों की हमेशा भीड़ लगी रहती है। गर्मी के दिनों में लोगों की परेशानी और अधिक बढ़ जाती है।

    इलाज के लिए ग्रामीणों को भलगढ़ा स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र जाना पड़ता है। लेकिन गांव दूर रहने के कारण यहां इलाज कराने के बजाय सीएचसी जाना मजबूरी है। यहां जीविका कृषि पर आधारित है। वहीं कुछ लोग बढ़ईगिरी के माध्यम से अपनी जीविका चलाते हैं, तो कुछ लोग रोजगार के लिए शहर पलायन कर गए हैं।

    छह साल से नहीं हो रहा पेयजल की आपूर्ति

    पिछले छह साल से पानी की आपूर्ति ठप है। पेयजलापूर्ति ठप होने से लोगों को प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। गांव में लगा दो हैंडपंप भगवान भरोसे चल रहे हैं। समस्या के समाधान के लिए कई बार विभाग से फरियाद किया गया। लेकिन समाधान के नाम पर सिर्फ आश्वासन मिला।

    बिजली देवी, बुलू देवी, सुमा देवी, रुकी देवी, मंजू देवी, संजु देवी, फुलो देवी आदि ने कहा कि पेयजल के लिए यहां भी कनेक्शन दिया गया था। लेकिन यहां के लोगों के साथ हमेशा पक्षपात किया गया।

    आसपास के गांवों में पेयजल की आपूर्त्ति है। वहीं, इस टोला में जल आपूर्ति नहीं होती है। बताया कि यहां पिछले 26 जनवरी 2019 तक पानी मिला है। वर्तमान में बाहर लगा नल सिर्फ शोभा की वस्तु बनके रह गया है। जबकि विभाग तकनीकी कारण से पानी की आपूर्ति नहीं होना बताता है।

    क्या कहते हैं ग्रामीण

    गांव में हमेशा पेयजल संकट बना रहता है। लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वृहत योजना की जरूरत है। सरकार एवं जनप्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

    राजीव राणा, ग्रामीण

    लकरछरा में जलमीनार का निर्माण होना चाहिए। ताकि ग्रामीणों को पेयजल की समस्या से छुटकारा मिल सके। गर्मी के दिनों लोगों को पानी के लिए काफी परेशानी झेलनी होती है।

    रिंकी, कुमारी, ग्रामीण

    यह गांव सरकारी उपेक्षा का शिकार बना है। पीसीसी निर्माण कराने की मांग कई बार किया गया। लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है। बरसात के दिनों में मुख्य सड़क से घर की ओर आवाजाही करने में परेशानी होती है।

    विपिन राणा, ग्रामीण

    मरीजों के इलाज के लिए बेहतर सुविधा नहीं है। यहां लोगों को इलाज के मधुपुर व देवघर जाना होता है। भलगढ़ा में स्वास्थ्य उपकेंद्र है। लेकिन व्यवस्था की घोर कमी है। इसमें सुधार लाने की जरूरत है।

    नागेश्वर राणा, ग्रामीण

    गांव में मनरेगा के तहत सिंचाई कूप, डोभा आदि का निर्माण कराया गया है। ताकि यहां के लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध हो सके। गांव की समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।

    रवि दास, मुखिया, डिंडाकोली पंचायत

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