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    Deoghar News: बाबा वैद्यनाथ को आज नवान्‍न अर्पित किया जाएगा, लगाया जाएगा चूड़ा-दही और गुड़ का भोगा, एक महीने तक चलेगी पूजा

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Wed, 29 Nov 2023 09:04 AM (IST)

    Deoghar News देवघर के बाबा वैद्यनाथ को आज नवान्‍न अर्पित किया जाएगा। मंदिर में नवान्‍न पूजा बुधवार से शुरू होकर एक महीने तक पूस मास के कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि को सम्‍पन्‍न होगा। इस दौरान श्रद्धालु बाबा की पूजा कर उनको नया अन्न अर्पित करेंगे। यह यहां की एक परंपरा है जिसके तहत सबसे पहले नए अन्न का बना साकल बाबा को अर्पित किया जाता है।

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    बाबा वैद्यनाथ को आज अर्पित किया जाएगा नवान्‍न।

    संवाद सूत्र, देवघर। नया अन्न चढ़ाने को लेकर होने वाली नवान्न पूजा बुधवार से शुरू होगी। श्रद्धालु बाबा की पूजा कर उनको नया अन्न अर्पित करेंगे। मंदिर के सरदार पंडा गुलाबनंद ओझा प्रात:कालीन पूजा में बाबा को चूड़ा-दही और गुड़ का भोग लगाएंगे।

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    इसके बाद एक महीने तक श्रीयंत्र मंदिर के समक्ष यह सिलसिला चलेगा। जिसका समापन पूस मास के कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि को होगा। बाबा बैद्यनाथ को नवान्न पर दही चूड़ा अर्पित करने के बाद ही आसपास के मंदिरों में नवान्न पूजा की जाती है। सुबह नया अन्न का भोग और रात में मेखला ओढ़ाया जाएगा।

    परंपरा के साथ बाबा नगरी में मनाया जाता है नवान्न

    बुधवार को बाबा नगरी में लोक पर्व नवान्न परंपरा के अनुसार मनाया जाएगा। सबसे पहले नए अन्न का बना साकल बाबा को अर्पण किया जाएगा।

    इसके बाद घरों में मंत्रोच्चार के साथ अग्नि में आहुति दी जाएगी। इसके बाद अन्न ग्रहण कर नवान्न का पर्व मनाया जाएगा। नवजात शिशुओं को भी इस शुभ मुहूर्त पर अन्न का पहला निवाला खिलाया जाता है।

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    पितरों के लिए किया जाएगा भुजदान

    सनातनी परंपरा के अनुसार, इस दिन पितृहीन लोगों द्वारा नए अन्न की विधिवत पूजा के उपरांत अपने पूर्वजों को याद कर पुरोहितों को दान देते हैं। मान्यता है इस दिन अन्न दान का विशेष महत्व होता है। इस दिन दान से पूर्वजों को साल भर नया अन्न ग्रहण करने की अनुभूति होती है व अपने वंशजों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

    खासकर यह पर्व देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। इस पर्व में किसान वर्ग के लोग शामिल होते हैं। जिनके द्वारा क्षेत्र से नया अनाज खलिहान में पहुंचने की खुशी होती है।

    साथ ही अपने आराध्य को पहला अनाज अर्पित करने के बाद ही ग्रहण करते हैं, जिससे उनके आराध्य का कृपा बनी रहे। हरियाली उनके जीवन और खेतों में हमेशा बरकरार रहे। इसको लेकर यह पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

    मां काली मंदिर में खप्पर पूजा आज

    बुधवार को काली मंदिर खप्पर पूजा समिति की ओर से बाबा मंदिर परिसर स्थित मां काली मंदिर में खप्पर पूजा शुरू होगी। पूजा लगभग साढ़े तीन माह फाल्गुन पूर्णिमा तक चलेगी।

    खप्पर पूजा का शुभारंभ शाम में होगा। तांत्रिक विधि से पूजा कर खप्पर में अग्नि प्रज्वलित कर की जाएगी। इसके साथ ही फाल्गुन मास तक 24 घंटे अनवरत अग्नि प्रज्वलित रहेगी।

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