झारखंड के दूसरे एयरपोर्ट का जानिए हाल, देवघर से तीन साल में चार लाख से अधिक यात्रियों ने भरी उड़ान
देवघर एयरपोर्ट ने अपनी तीसरी वर्षगांठ पर शानदार प्रगति दर्ज की है। पहले दो वर्षों में 2.92 लाख यात्रियों की तुलना में तीसरे साल में 2.72 लाख से अधिक यात्रियों ने यात्रा की है। दिल्ली बेंगलुरु मुंबई और कोलकाता के लिए नई उड़ानों के कारण यह वृद्धि हुई। एयरपोर्ट ने 77.50 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। जल्द ही गुवाहाटी और हैदराबाद के लिए भी उड़ानें शुरू होंगी।

आरसी सिन्हा, जागरण. देवघर। देवघर एयरपोर्ट तीन साल का हो गया है। साल दर साल फ्लाइट और यात्रियों की संख्या बढती जा रही है। वर्ष 2024 से 2025 जुलाई तक दिल्ली, बेंगलोर, मुंबई और काेलकाता के लिए 1.36 लाख यात्रियों ने देवघर से सफर किया। गुवाहाटी और हैदराबाद के लिए भी उड़ान शुरू करने की तैयारी है।
देवघर हवाई अड्डे ने अपने तीन साल के सफर में एक शानदार उपलब्धि हासिल की है। 12 जुलाई 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था। झारखंड के इस एयरपोर्ट ने न केवल यात्रियों की संख्या बल्कि राजस्व में भी लगातार वृद्धि दर्ज की है। शुरुआत में दो फ्लाइट्स से शुरू हुआ यह सफर आज चार बड़े शहरों तक पहुंच गया है, जिसने लाखों लोगों की यात्रा को आसान बनाया है।
यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि
आंकड़ों के अनुसार, 2022 से 2024 के दो सालों में कुल 2,92,779 यात्रियों ने देवघर से हवाई यात्रा की। पहले साल लगभग 1.13 लाख यात्रियों ने आना-जाना किया, जबकि दूसरे साल यह संख्या बढ़कर 1.79 लाख हो गई। तीसरे साल में, यह आंकड़ा और भी प्रभावशाली रहा। अकेले 2024-25 के दौरान, 1.36 लाख से अधिक यात्रियों ने दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों के लिए एकतरफा यात्रा की। अगर आने और जाने वाले यात्रियों को भी मिलाया जाए, तो यह संख्या 2.72 लाख से अधिक हो जाती है, जो एयरपोर्ट की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है।
प्रमुख उपलब्धियां व भविष्य की योजनाएं
यात्रियों की बढ़ती संख्या का सीधा असर एयरपोर्ट के राजस्व पर भी पड़ा है। टिकट बिक्री से करीब 77.50 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस सफलता से उत्साहित होकर, दिल्ली के लिए दूसरी फ्लाइट भी शुरू की गई है। जल्द ही गुवाहाटी और हैदराबाद जैसे शहरों के लिए भी उड़ानें शुरू होनी है। जिससे देवघर की कनेक्टिविटी और मजबूत होगी। एयरपोर्ट पर दिन और रात दोनों समय सेवाएं उपलब्ध होने से यात्रियों को और भी अधिक सहूलियत मिल रही है।
आस-पास के क्षेत्रों को मिला फायदा
देवघर एयरपोर्ट ने न केवल देवघर के लोगों को, बल्कि संथाल परगना के छह जिलों के साथ-साथ धनबाद, गिरिडीह, भागलपुर, बांका और जमुई जैसे पड़ोसी क्षेत्रों के निवासियों को भी हवाई यात्रा का बेहतर विकल्प दिया है। अब इन क्षेत्रों के लोगों को बड़े शहरों तक पहुंचने के लिए कम समय लगता है, जिससे उनका समय और पैसा दोनों बचता है। यह आंकड़ा यह साबित करता है कि हवाई सेवा की संख्या बढ़ने पर यात्रियों की संख्या भी स्वाभाविक रूप से बढ़ेगी, जिससे देवघर एयरपोर्ट का भविष्य काफी उज्ज्वल नजर आता है। यह एयरपोर्ट अब सिर्फ यात्रा का साधन नहीं, बल्कि इस क्षेत्र की प्रगति का प्रतीक बन गया है, जो आने वाले समय में और भी नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है।
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