Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भजन संध्या का किया आयोजन

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 12 Mar 2021 11:39 PM (IST)

    संवाद सहयोगी चितरा महाशिवरात्रि के मौके पर स्थानीय दुखिया बाबा मंदिर परिसर में भजन संध्या

    Hero Image
    भजन संध्या का किया आयोजन

    संवाद सहयोगी, चितरा : महाशिवरात्रि के मौके पर स्थानीय दुखिया बाबा मंदिर परिसर में भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें कृष्णा म्यूजिकल ग्रुप ने भक्ति का समा बांध दिया। इस अवसर पर भव्य शिव बरात निकाली गई। जिसमें देवी-देवताओं का वेश धारण कर कलाकारों ने सजीव झांकी प्रस्तुत की। भक्ति मय कार्यक्रमों से दर्शकों ने अपना सुध बुध खो दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अरज सुन ले गजानन हमारी भक्ति गीत से इस ग्रुप के निदेशक कृष्णा ने भजन संध्या का आगाज किया। इसके अलावा कई भक्ति गीतों की दर्शकों के समक्ष प्रस्तुति दी गई। जमशेदपुर की शोमी चौधरी ने तू ममता लूटाने वाली है, जेकर नाथ भोलेनाथ से अनाथ कैसन होई। पश्चिम बंगाल की ममता ने मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा आदि गीतों की प्रस्तुति देकर सबों का मन मोह लिया। वहीं पश्चिम बंगाल की पूर्णिमा और दुमका के अमन ने राधा कृष्ण व शिव पार्वती का वेश धारण कर भाव भरा नृत्य प्रस्तुत किया जिसे देख दर्शक सुध बुध खो बैठे।

    भव्य शिव बरात : बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवताओं का वेश धारण किए कलाकारों के साथ बरात में शामिल हुए। स्थानीय दुर्गा मंदिर से निकाली गई शिव बरात में शामिल लोगों ने चितरा का भ्रमण किया। इसका समापन दुखिया बाबा शिव मंदिर में हो गया। मांगलिक गीतों के साथ देर रात शिव पार्वती विवाह संपन्न हुआ।

    आदिवासी बहुल गांव पंचगढि़़या में लगा मेला : आदिवासी बहुल गांव पंचगढि़या में महाशिवरात्रि के बाद शुक्रवार को रामेश्वर शिव मंदिर प्रांगण में मेला का आयोजन किया गया। मेले का लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया। प्रखंड के आसनसोल, चकदाहा, चांदचौरा, करौं, कमलकरडीह, रान्हा, सिरियां, बांधडीह, आलमपुर, रानीडीह, केंदवरिया समेत अन्य गांव के लोगों ने मेले में शामिल होकर जमकर खरीदारी की। इस दौरान पुजारी नीलमणि आचार्य ने श्रद्धालुओं को रामेश्वर शिव मंदिर में पूजा-अर्चना कराई। उल्लेखनीय है कि इस मंदिर में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग पूजा-अर्चना करने मंदिर पहुंचते हैं एवं देवाधिदेव महादेव से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यहां आदिवासी व गैर आदिवासी संयुक्त तौर पर मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं। यह मंदिर सदियों से लोक आस्था का केंद्र बना हुआ है।