Jharkhand News: भू-लेख दस्तावेजों में छेड़छाड़ पर लगेगी रोक, सीसी कैमरे से रखी जाएगी नजर
अभिलेखागार से अब आवेदकों को दस्तावेजों की प्रमाणित कापी दंडाधिकारी की उपस्थिति में मिलेगी। रिकार्ड रूम में रखे गए रजिस्टर टू को स्कैन कर आनलाइन किया जाएगा। संपूर्ण अभिलेखागार को कंप्यूटरीकृत किया जाएगा। जिला प्रशासन ने यह पहल अभिलेखों में छेड़छाड़ अथवा फर्जीवाड़ा पर विराम लगाने को लेकर किया है।

जुलकर नैन, चतरा । अभिलेखागार से अब दस्तावेजों को लेना आसान नहीं होगा। आवेदकों को दस्तावेजों की प्रमाणित कापी दंडाधिकारी की उपस्थिति में मिलेगी।
रिकार्ड रूम में रखे गए रजिस्टर टू को स्केन कर आनलाइन किया जाएगा। संपूर्ण अभिलेखागार को कंप्यूटरीकृत किया जाएगा। भीतर से लेकर बाहर तक सीसी कैमरे अधिष्ठापित किए जाएंगे।
जिला प्रशासन ने यह पहल अभिलेखों में छेड़छाड़ अथवा फर्जीवाड़ा पर विराम लगाने को लेकर किया है। दरअसल उपायुक्त कीर्ति श्री जी को अभिलेखागार में दस्तावेजों विशेष कर रजिस्टर टू में छेड़छाड़ की लगातार शिकायतें मिल रही थीं।
इस आलोक में उपायुक्त ने अपर समाहर्ता अरविंद कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। टीम में सिमरिया अनुमंडल पदाधिकारी सन्नी राज भी थे।
दो सदस्यीय टीम ने रिकार्ड रूम का निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है। वर्तमान समय में अभिलेखागार बंद है। आवेदकों को किसी भी प्रकार का दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया जा रहा।
यहां बताते चलें कि अभिलेखागार में पदस्थापित कर्मियों ने भूमि माफिया तत्वों के साथ मिलकर जमकर फर्जी दस्तावेज बनाए हैं। जिसके कारण रजिस्टर टू के साथ-साथ अन्य पंजियों में छेड़छाड़ की गई है।
एक महीना से फोटो कापी मशीन खराब
रिकार्ड रूम का फोटो कापी मशीन पिछले एक महीना से खराब है। परिणामस्वरूप आवेदकों को जमीन संबंधित दस्तावेजों की प्रमाणित छाया प्रति नहीं दी जा रही है। नई मशीन क्रय करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। संभावना है कि जल्द ही प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पुरानी मशीन को कई बार बनाया गया। लेकिन कारगर साबित नहीं हुआ। अंत में नई मशीन क्रय करने का निर्णय लिया गया है। इधर कंप्यूटरीकृत का कार्य प्रारंभ होगा, उधार मशीन का क्रय कर लिया जाएगा।
छेड़छाड़ को लेकर दो पर हो चुकी है प्राथमिकी
रिकार्ड रूम में जमीन संबंधी अभिलेखों में छेड़छाड़ करने के मामले में दो कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। जिसमें तत्कालीन अभिरक्षक इंद्रनाथ कुमार व अजीत कुमार का नाम शामिल है।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से दोनों कर्मी फरार है। छह महीना से अधिक समय बीत जाने के बाद भी सदर थाने की पुलिस उन कर्मियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। दरअसल उपर्युक्त कर्मी जब वहां पर पदस्थािपत थे, तब उनके ऊपर दस्तावेजों में छेड़छाड़ का आरोप लगा था।
तत्कालीन उपायुक्त अनु इमरान ने इसकी जांच जिला भू-अर्जन पदाधिकारी वैभव कुमार सिंह को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट में छेड़छाड़ की पुष्टि हुई थी। इसी क्रम में उपायुक्त का स्थानांतरण हो गया।
उनके स्थान पर रमेश घोलप आए। फिर लोकसभा एवं विधानसभा का चुनाव आ गया। चुनाव संपन्न होने के बाद तत्कालीन उपायुक्त ने दोनों से शो-काज किया गया। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर दोनों के विरुद्ध सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
अधिकारी वर्जन
उपायुक्त के आदेश पर अभिलेखागार का निरीक्षण किया था। सुधार की संभावनाओं पर रिपोर्ट समर्पित की गई है। रिकार्ड रूम में कंप्यूटरीकृत किया जाएगा। रजिस्टर-टू को स्कैन कर आनलाइन कराया जाएगा। दंडाधिकारी की उपस्थिति में कोई भी दस्तावेज की प्रमाणित छाया प्रति आवेदकों को दी जाएगी। -अरविंद कुमार, अपर समाहर्ता, चतरा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।