चार माह की बेटी का शव लिए मां स्वास्थ्य विभाग से लगाती रही गुहार, नहीं मिला एंबुलेंस
संवाद सहयोगी गिद्धौर (चतरा) स्वास्थ्य विभाग की ढुलमुल व्यवस्था के आगे एक मां नतमस्तक हो गई।

संवाद सहयोगी, गिद्धौर (चतरा): स्वास्थ्य विभाग की ढुलमुल व्यवस्था के आगे एक मां नतमस्तक हो गई। करीब चार-पांच माह की अपनी प्यारी सी परी बिटिया रानी की शव के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब एक घंटा तक रोती बिलखती रही। परंतु किसी का दिल नहीं पसीजा। मां अपनी बच्ची के शव को घर ले जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग से गुहार लगाती रही। यहां तक की एंबुलेंस की मांग भी किया। परंतु विभाग द्वारा एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया गया। जिसके पश्चात बच्ची के मां अपने स्वजनों को दूरभाष पर इसकी जानकारी दिया। तब जाकर परिजन मोटरसाइकिल लेकर अस्पताल पहुंचे और बच्ची के शव के साथ-साथ उसकी मां को ले गये। इस घटना से स्वास्थ्य विभाग का पोल खुल गया।
बताया जाता है कि प्रखंड के पहरा गांव निवासी विजय प्रजापति की पत्नी सोनमती देवी अपनी नन्ही सी परी आरती का इलाज कराने के लिए करीब चार किलोमीटर पैदल चलकर गिद्धौर पहुंची। जहां पर चिकित्सक डा. सत्यप्रकाश जांच करते हुए बच्ची को मृत घोषित कर दिया।चिकित्सक ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पहले बच्ची रास्ते में ही दम तोड़ चुकी थी। जिसके पश्चात बच्ची की मां के क्रंदन से पूरा माहौल गमगीन हो गया। करीब एक घंटे तक बच्ची के शव के साथ मां रोती बिलखती रही। परंतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसे घर छोड़ने तक कोई व्यवस्था नहीं किया गया।विजय प्रजापति दूसरे प्रदेश में मजदूरी का कार्य करता है। बताते चलें कि पहरा में उप स्वास्थ्य केंद्र संचालित है। परंतु इलाज की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। वैसे में ग्रामीण चतरा, हजारीबाग व गिद्धौर पर निर्भर हैं। लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गिद्धौर की स्थिति भी बद से बदतर है।
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