Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से छिन गई मासूम की जिंदगी, स्वास्थ्य अधिकारियों पर उठे सवाल

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 01:44 AM (IST)

    एक झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के बाद एक बच्चे की दुखद मौत हो गई। इस घटना ने स्वास्थ्य अधिकारियों की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों में आक्रोश है और वे इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर एक गंभीर सवाल उठाती है।

    Hero Image

    झोलाछाप ने ली मासूम की जान, स्वास्थ्य अधिकारियों पर उठे सवाल। फोटो जागरण

    संवाद सूत्र, हंटरगंज (चतरा)। जिले के हंटरगंज प्रखंड में झोलाछाप चिकित्सकों की लापरवाही ने एक बार फिर मासूम की जान ले ली। डुमरी कला पंचायत के डुमरी बेला गांव निवासी राजू यादव के दो वर्षीय पुत्र आर्यन कुमार की मौत झोलाछाप कृष्ण यादव के गलत इलाज से हो गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस घटना से पूरे गांव में मातम छा गया है और स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। आश्चर्य की बात यह है कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. वेदप्रकाश को घटना की जानकारी होते हुए भी कार्रवाई नहीं कर रहे है।

    ग्रामीणों ने बताया कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के सांठ-गांठ से झोलाछाप फल-फूल रहा है। जानकारी के अनुसार, बेला मोड़ पर रहने वाला झोलाछाप कृष्ण यादव लंबे समय से बिना किसी वैध डिग्री या लाइसेंस के क्लिनिक चला रहा है।

    परिजनों ने बताया कि तीन दिन पहले आर्यन को खांसी और बुखार हुआ था, जिसके बाद वे उसे इलाज के लिए उसी झोलाछाप के पास ले गए। इलाज के बाद भी बच्चे की तबीयत सुधारने के बजाय बिगड़ती चली गई।

    शुक्रवार की सुबह हालत नाजुक होने पर झोलाछाप ने बच्चे को रेफर कर दिया। परिजन घबराहट में पहले एक निजी क्लिनिक पहुंचे, लेकिन बच्चे की गंभीर स्थिति देख डॉक्टरों ने भर्ती करने से मना कर दिया।

    अंततः जब वे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, तो वहां के चिकित्सक ने आर्यन को मृत घोषित कर दिया। मासूम की मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल है और गांव में शोक का माहौल पसरा हुआ है।

    ग्रामीणों ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि झोलाछाप खुलेआम क्लिनिक चलाते हैं और लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है।

    लोगों ने प्रखंड व जिला प्रशासन से दोषी झोलाछाप के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में किसी और मासूम की जान न जाए।

    यह पहली घटना नहीं है जब झोलाछाप के इलाज से किसी की जान गई हो। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन अगर सख्त कदम नहीं उठाता, तो ये लापरवाहियां आगे भी कई घरों को उजाड़ सकती हैं।

    झोलाछाप के क्लीनिक में मौत मामले की जानकारी मेरे संज्ञान में मामला नहीं आया है। मामले की जांच करते हुए दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. वेदप्रकाश, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, हंटरगंज।