झारखंड का हिडन जेम है इटखोरी, नए साल पर दिखेगा धार्मिक आस्था और प्रकृति का अनोखा संगम
नए साल के स्वागत के लिए इटखोरी और आसपास के क्षेत्र तैयार हैं। सैलानियों का आगमन शुरू हो गया है, जिससे पर्यटन स्थलों पर चहल-पहल बढ़ गई है। ऐतिहासिक मां ...और पढ़ें

झारखंड का हिडन जेम है इटखोरी
पंकज सिंह, इटखोरी(चतरा)। नए साल के स्वागत को लेकर इटखोरी और आसपास के इलाकों में उत्साह चरम पर है। सैलानियों का आना शुरू हो चुका है और प्रमुख पर्यटन स्थलों पर रौनक बढ़ने लगी है। इटखोरी में कई ऐसे प्राकृतिक और धार्मिक स्थल हैं, जो हर साल नए साल के मौके पर लोगों की पहली पसंद बनते हैं।
ऐतिहासिक मां भद्रकाली मंदिर में इस बार भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। लोग नए साल की शुरुआत माता भद्रकाली के दर्शन से करना शुभ मानते हैं।
वर्ष के पहले दिन भारी भीड़
वर्ष के पहले दिन यहां भारी भीड़ उमड़ती है। सुबह से ही दर्शन के लिए लंबी कतारें लग जाती हैं और पूरा परिसर भक्तों से भरा रहता है। प्रतिदिन यहां श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है, लेकिन नए साल पर हजारों लोग पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं।
यहां झारखंड के अलावा बिहार और अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। रमणीक वातावरण में स्थित मंदिर परिसर की प्राकृतिक और शांत सुंदरता भक्तों को बार-बार यहां आने के लिए प्रेरित करती है। इधर, जैसे-जैसे नया साल करीब आ रहा है, लोग अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ पिकनिक का आनंद लेने भी आने लगे हैं।
शाम के समय ढलते सूरज का नजारा
हदहदवा रॉक और बक्शा डैम पर लोग पिकनिक मनाने पहुंच रहे हैं। भद्रकाली मंदिर से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित हदहदवा रॉक प्रकृति प्रेमियों और रोमांच के शौकीनों का पसंदीदा स्थल है। चारों ओर फैली हरियाली, प्राकृतिक चट्टानें और नीचे बहती शीतल जलधाराएं इस स्थान को बेहद आकर्षक बनाती हैं।
यहां खड़े होकर दूर तक फैले जंगलों का दृश्य और शाम के समय ढलते सूरज का नजारा किसी खूबसूरत चित्र की तरह नजर आता है। जो लोग शहर के तनाव और शोर से दूर शांत माहौल में कुछ पल बिताना चाहते हैं, उनके लिए यह स्थान किसी उपहार से कम नहीं।
जल राशि का शांत दृश्य मन को सुकून देता है
मां भद्रकाली मंदिर से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित बक्शा डैम भी नए साल के जश्न के लिए एक बेहतरीन जगह माना जाता है। जलाशय की लहरें, हरी-भरी पहाड़ियां और ठंडी हवाएं मिलकर ऐसा वातावरण बनाती हैं, जहां परिवार और दोस्तों के साथ बिताया हर पल यादगार हो जाता है।
पानी के किनारे बैठकर दूर से आती पक्षियों की मधुर आवाजें और विशाल जल राशि का शांत दृश्य मन को सुकून देता है और नए साल को खास बना देता है।
कैसे पहुंचे इटखोरी
भद्रकाली मंदिर इटखोरी तक पहुंचना बेहद सरल है। यह कई प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
- कोडरमा रेलवे स्टेशन से दूरी: लगभग 60 किमी
- हजारीबाग से दूरी: लगभग 50 किमी
- रांची से दूरी: लगभग 150 किमी
- चतरा जिला मुख्यालय से दूरी लगभग 36 किमी
इन सभी स्थानों से इटखोरी के लिए बस, निजी वाहन और टैक्सी की सुविधाएं आसानी से उपलब्ध रहती हैं।

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