Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    TSPC के दो एरिया कमांडर ने डाले हथियार, चतरा पुलिस के समक्ष किया आत्मसमर्पण

    By Zulqar NainEdited By: Nishant Bharti
    Updated: Fri, 17 Oct 2025 02:31 PM (IST)

    चतरा में नक्सल उन्मूलन अभियान में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीएसपीसी के दो एरिया कमांडर, कुणाल और रोहिणी गंझू ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। एसपी सुमित कुमार अग्रवाल ने उन्हें प्रेरित किया। दोनों पर कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस का कहना है कि आत्मसमर्पण नीति का उद्देश्य नक्सलियों को समाज में वापस लाना है।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, चतरा। जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान को बड़ी सफलता मिली है। प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) के एरिया कमांडर कुणाल उर्फ कुलदीप और रोहिणी गंझू ने शुक्रवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों नक्सलियों ने अपनी आपराधिक जीवन से तौबा करते हुए मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डीसी ऑफिस स्थित सभाकक्ष में बोकारो प्रक्षेत्र के आईजी सुनील भास्कर के समक्ष दोनों ने हथियार डाल दिए। मौके पर सीमा सुरक्षा बल के मानवेंद्र कुमार सिंह, डीसी कीर्ति श्री जी, एसपी सुमित कुमार अग्रवाल एवं एसएसबी कमांडेंट संजीव कुमार की उपस्थिति में नक्सलियों ने एक एसएलआर राइफल, एक सेमी राइफल और करीब 200 राउंड जिंदा कारतूस पुलिस के हवाले किए। 

    10 से अधिक गंभीर मामले दर्ज

    जानकारी के अनुसार, एरिया कमांडर कुणाल के विरुद्ध चतरा और पलामू जिलों में 16 आपराधिक मामले, जबकि रोहिणी गंझू के खिलाफ 10 से अधिक गंभीर मामले दर्ज हैं। एसपी अग्रवाल ने लगातार संवाद और प्रोत्साहन के माध्यम से दोनों नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया। 

    पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आत्मसमर्पण नीति का उद्देश्य नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में लाना है। हाल के महीनों में झारखंड के विभिन्न जिलों में चल रहे लगातार अभियानों से नक्सल संगठन कमजोर हुए हैं। 

    इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि नक्सली एक-एक कर हथियार छोड़ शांति का रास्ता अपना रहे हैं। यह आत्मसमर्पण न केवल पुलिस की बड़ी उपलब्धि है, बल्कि क्षेत्र में शांति स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा।