रिश्वत नहीं देने पर जच्चा-बच्चा को नहीं जाने देंगे... फिर राशन में मिले चावल बेचकर विलुप्तप्राय आदिम जानजाति ने किया भुगतान
सरकार विलुप्तप्राय आदिम जनजाति के संरक्षण के लिए कई तरह की सुविधाएं दे रही है। लेकिन इस भोली- भाली जनता के साथ क्या हो रहा है इसका उदाहरण परहिया परिवार की यह महिला है। सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए उससे दो हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई। कहा गया-पैसे नहीं देने पर जच्चा-बच्चा को नहीं दिया जाएगा।

संवाद सूत्र, लावालौंग (चतरा) । विलुप्तप्राय आदिम जनजाति परिवार परहिया की एक महिला को सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए दो हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई। कहा गया-पैसे नहीं देने पर जच्चा-बच्चा को नहीं दिया जाएगा। अंततः राशन में चावल को बेचकर उसने एक हजार रुपये दिए।
स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एएनएम की कार्यशैली को लेकर एक बार फिर प्रश्न उठने लगा है। एएनएम कुसुमलता ने आदिम जनजाति परहिया की एक महिला को प्रसव कराने के एवज में दो हजार रुपये रिश्वत मांगी।
परिवार के सदस्यों ने बताया कि इतने पैसे उनके पास नहीं है। वहां से दे पाएगी। लेकिन एएनएम मानने को तैयार नहीं थी। अंततः जन वितरण प्रणाली से मिले चावल बेच कर उसने एक हजार रुपये जुटए ।
एक हजार लेने के बाद उसे राहत दी गई। शेष पैसे बाद में देने की बात कही गई। प्रसूता ललिता देवी का भाई प्रखंड के भलवाही चांदी गांव निवासी राजकुमार परहिया ने बताया कि अपनी बहन का प्रसव कराने के लिए वह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गया था। यहां एएनएम कुसुमलता द्वारा प्रसव कराया गया।
इसके लिए एएनएम ने दो हजार रुपये की मांग की। इतना ही नहीं एएनएम ने कहा कि पैसा जमा करोगे, तभी बच्चा यहां से जाने दिया जाएगा। इसके बाद स्वजनों ने राशन का चावल को बेचकर एक हजार रुपये की जुगाड़ की। हजार रुपया देने के बाद बच्चा व जच्चा को जाने दिया।
गुरुवार को बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र लेने वे लोग पहुंचे, तो एएनएम फिर बकाया एक हजार रुपये की मांग करने लगी। एक हजार के अलावा छह सौ रुपये जन्म प्रमाण पत्र के लिए मांग रही थी।
किसी प्रकार से तीन सौ रुपये की व्यवस्था कर उसे दिए गए। तब जाकर प्रमाण पत्र दिया गया। इधर कुसुमलता ने आरोपों को निराधार बताया। कहा कि हमारा काम सिर्फ प्रसव कराना है। किसी तरह का पत्र बनवाना या पैसा मांगना नहीं।
कुसुमलता द्वारा अवैध वसूली की शिकायत विभिन्न माध्यमों से मिल रही है। परहिया परिवार से वसूली मामले की जानकारी मुझे नहीं थी। अब इसकी जांच कराउंगा। अगर एएनएम दोषी पाई जाती है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- विपिन कुमार भारती, प्रखंड विकास पदाधिकारी, लावालैंग, चतरा।
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