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मीना मुसहर मौत मामले की जांच की शुरू

संजय शर्मा, इटखोरी : गरीबी, बीमारी व कुपोषण के कारण असमय काल के गाल में समाई मीना मुसहर की मौत के म

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jun 2018 06:47 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 06:47 PM (IST)
मीना मुसहर मौत मामले की जांच की शुरू
मीना मुसहर मौत मामले की जांच की शुरू

संजय शर्मा, इटखोरी : गरीबी, बीमारी व कुपोषण के कारण असमय काल के गाल में समाई मीना मुसहर की मौत के मामले को लेकर उपायुक्त जितेंद्र कुमार ¨सह ने जांच का आदेश दिया है। जांच की जिम्मेदारी सदर अनुमंडल पदाधिकारी राजीव कुमार को दी गई है। मंगलवार को अनुमंडल पदाधिकारी ने जांच की प्रक्रिया शुरु कर दी है। मालूम हो कि खानाबदोश की तरह जीवन यापन करनेवाली मीना मुसहर की सोमवार की रात मौत हो गई थी। गरीबी, बीमारी व भुखमरी की वजह से हुई इस मौत को जिला प्रशासन ने काफी गंभीरता से लिया है। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद उपायुक्त ने तत्काल जांच का आदेश जारी किया। उपायुक्त से जांच का निर्देश मिलने के पश्चात मंगलवार को अनुमंडल पदाधिकारी ने इटखोरी के बीडीओ उत्तम प्रसाद, अंचल अधिकारी दिलीप कुमार तथा प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष मृत्युंजय ¨सह के साथ प्रेम नगर मोहल्ला में जाकर वस्तु स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान अनुमंडल पदाधिकारी ने जिस स्थान पर मीना मुसहर रहती थी वहां के आसपास के घरों के लोगों से उन्होंने विस्तृत जानकारी एकत्रित की। अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर खानाबदोश परिवार के सामानों को प्रशासन ने फिलहाल अपने कब्जे में लिया है। अनुमंडल पदाधिकारी ने धनखेरी गांव के डोंगरी पर रहे दूसरे खानाबदोश परिवार की भी स्थिति का वहां जाकर जायजा लिया है।

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काफी कम हो गया था शरीर का वजन

गरीबी, बीमारी व कुपोषण की वजह से मीना मुसहर काफी कमजोर हो गई थी। शरीर का वजन काफी कम हो गया था। स्थिति ऐसी थी कि वह बमुश्किल से किसी तरह चल फिर रही थी। उसकी जीविका बेटे गौतम मुसहर के द्वारा प्लास्टिक की बोतल चुनकर होनेवाली कमाई से चल रही थी। प्रेम नगर मोहल्ला के लोगों ने बताया कि मीना मुसहर के शरीर में सिर्फ हड्डियां ही नजर आती थी। उसका बेटा जो कुछ लाकर उसे देता था वही खाकर वह पेड़ के नीचे पड़ी रहती थी। मीना मुसहर के बेटे ने बताया कि आज तक उसने कहीं भी अपनी मां का इलाज नहीं कराया है। वह पेट भरने के लिए ही पर्याप्त कमाई नहीं कर पाता था। ऐसे में वह मां का इलाज कहां से कराता। मोहल्ले के लोग यह भी बताते हैं कि मीना मुसहर का परिवार भीख मांगकर ही पेट भरा करता था। उन्हें कभी कभार ही खाना बनाते हुए देखा गया है।

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दो दिन पूर्व डेढ़ वर्षीय बेटे की भी हुई थी मौत

गरीबी, बीमारी व कुपोषण की शिकार सिर्फ मीना मुसहर ही नहीं हुई है। बल्कि उसका डेढ़ वर्षीय पुत्र भी इसी कारण से धरती से विदा हो चुका है। मीना मुसहर के बेटे की मौत दो दिन पहले रविवार को हुई थी। प्रेम नगर मोहल्ले के लोगों ने इस जानकारी से अनुमंडल पदाधिकारी को भी अवगत कराया है। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि मीना मुसहर की तरह उसका डेढ़ वर्षीय बेटा भी काफी कमजोर था। हालांकि उसके बेटे की मौत की वजह सामने नहीं आ पाई है। लेकिन इस खानाबदोश परिवार की जैसी स्थिति है उससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मीना मुसहर का डेढ़ वर्षीय बेटा भी मां की तरह ही मौत की भेंट चढ़ा है।


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