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    चतरा में खुलेगा मेधा डेयरी का कलेक्शन सेंटर, पशुपालकों को मिलेगा सीधा लाभ

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 04:05 PM (IST)

    चतरा में Medha Dairy का कलेक्शन सेंटर खुलने जा रहा है, जिससे स्थानीय पशुपालकों को सीधा लाभ मिलेगा. इस केंद्र के माध्यम से पशुपालक अपनी डेयरी उत्पादों ...और पढ़ें

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    चतरा में मेधा डेयरी का प्लांट। फाइल फोटो

    जुलकर नैन, चतरा। झारखंड के चतरा जिले में दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहन देने और पशुपालकों की आय बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। दूध संग्रहण को लेकर जिला प्रशासन व झारखंड राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादन महासंघ लिमिटेड के बीच करार हुआ है। समझौते के तहत जिले में दूध संग्रहण एवं विपणन केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जिससे स्थानीय पशुपालकों को अपने उत्पाद का उचित और समय पर मूल्य मिल सकेगा।

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    इसके लिए आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट से 4.98 करोड़ रुपये का आवंटन मुहैया कराया जा रहा है। जिससे मिल्क टैंकर, कूलर, कंटेनर आदि का क्रय किया जाएगा।

    जिले में कुल दस संग्रहण व विपणन केंद्र खोले जाएंगे। जिसमें शहर के तीन स्थानों के अलावा अधिक दूध उत्पादित करने वाले प्रखंड इसमें शामिल हैं। इन केंद्रों के माध्यम से प्रतिदिन दूध की खरीद की जाएगी और गुणवत्ता के अनुसार भुगतान किया जाएगा। इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी और पशुपालकों को सीधे लाभ मिलेगा।

    जिला प्रशासन का मानना है कि इस पहल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। पशुपालक आधुनिक तरीके से दुग्ध उत्पादन के लिए प्रेरित होंगे, वहीं रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

    मेधा डेयरी की ओर से गुणवत्ता जांच, समयबद्ध भुगतान और तकनीकी सहयोग की व्यवस्था की जाएगी। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि आने वाले समय में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और पशु स्वास्थ्य सेवाओं को भी सशक्त किया जाएगा। कुल मिलाकर यह पहल जिले को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

    इन स्थानों पर स्थापित होंगे संग्रहण व विपणन केंद्र

    दुग्ध संग्रहण व विपणन के लिए दस स्थानों को चिन्हित की गई है। झारखंड राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादन महासंघ लिमिटेड की टीम को संबंधित अंचल अधिकारियों ने चिन्हित भूमि का स्थल निरीक्षण करा चुके हैं।

    यह प्रक्रिया अगस्त महीने में पूरी हो चुकी है। जिन स्थानों पर केंद्र स्थापित होंगे, उनमें शहर के नगवां मोहल्ला, जतराहीबाग व लाइन मोहल्ला के अलावा सदर प्रखंड के देवरिया व किशुनपुर और प्रखंडों में इटखोरी, गिद्धौर, हंटरगंज, टंडवा के मिश्रौल व गाड़ीलौंग शामिल है।

    इन सभी केंद्रों में दुग्ध का संग्रहण के साथ-साथ क्रय व विक्रय भी होगा। इतना ही नहीं दूध से बनने वाली दूसरी वेराइटी जैसे दही, पनीर, घी, खोवा, राबड़ी आदि की भी बिक्री होगी।

    प्रशासनिक स्वीकृति के बाद क्रियान्वयन होगा प्रारंभ

    दरअसल जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट के माध्यम से दुग्ध संग्रहण व विपणन केंद्र की स्थापना का निर्णय तीन-चार साल पूर्व से लंबित था। ग्रामसभा से योजना पारित होने और शासकीय परिषद से पारित होने के बाद तत्कालीन उपायुक्त अबु इमरान इसका क्रियान्वयन को लेकर गंभीरता दिखाई थी। लेकिन योजना को अमली जामा नहीं पहना सके। फिर उनका स्थानांतरण हो गया।

    उनके स्थान पर रमेश घोलप नए डीसी का पदभार ग्रहण किए। लोकसभा व विधानसभा चुनाव आ गया। चुनाव के बाद तत्कालीन उपायुक्त ने इसमें कोई रूचि नहीं दिखाई और उनका स्थानांतरण हो गया।

    नई उपायुक्त कीर्तिश्री जी ने योगदान देने के बाद योजना को गति देना प्रारंभ किया। झारखंड राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादन महासंघ लिमिटेड के साथ करार किया। योजना को प्रशासनिक स्वीकृति मिलते ही क्रियान्वयन प्रारंभ हो जाएगा।

    दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य संग्रहण व विपणन केंद्र की स्थापना की जा रही है। इसके लिए जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से 4.98 करोड़ रुपये की राशि मुहैया कराई जा रही है। जिसके माध्यम से एयरकंडीशन टैंकर, कूलर, कंटेनर आदि सामग्रियों की समुचित व्यवस्था होगी। स्थानीय पशुपालकों को अपने उत्पाद का उचित और समय पर मूल्य मिल सकेगा। -कीर्तिश्री जी, डीसी, चतरा।