गर्भवती महिला को खाट पर 3 KM ढोकर ले जाते दिखे परिजन, झारखंड से सामने आया दिल को झकझोर देने वाला Video
चतरा के कुंदा प्रखंड के लुकुइया गांव में सड़क की कमी के कारण एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने खाट पर लादकर तीन किलोमीटर तक अस्पताल पहुंचाया। ममता वाहन गांव तक नहीं पहुँच सका क्योंकि रास्ते में नदियां पड़ती हैं जिन पर पुल नहीं है। गांव में बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
अरुण कुमार गुप्ता, चतरा। कुंदा प्रखंड की एक भयावह तस्वीर शुक्रवार को सामने आई। प्रखंड के लुकुइया गाँव में प्रसव पीड़ा से कराह रही गर्भवती महिला को परिजन तीन किलोमीटर खाट पर लादकर अस्पताल ले गए।
गांव तक पहुंचने के लिए सड़क न होने के कारण ममता वाहन बीच रास्ते में ही बंद हो गया। जानकारी के अनुसार, अरविंद गंझू की पत्नी भीखी देवी को जब प्रसव पीड़ा हुई, तो परिजनों ने तुरंत ममता वाहन को बुलाया। लेकिन समस्या यह थी कि वाहन गाँव तक नहीं पहुँच सका।
कुंदा प्रखंड की एक भयावह तस्वीर शुक्रवार को सामने आई। प्रखंड के लुकुइया गांव में प्रसव पीड़ा से तड़प रही एक गर्भवती महिला को परिजन खाट पर लादकर तीन किलोमीटर तक अस्पताल ले गए। pic.twitter.com/naAVMliOTL
— Rajesh Kumar (@jagranrajesh123) August 16, 2025
गांव से बाहर निकलते ही टेढ़ा पन्ना और मोहन नदियाँ मिलती हैं। दोनों नदियों पर पुल नहीं बने हैं। बरसात के दिनों में पानी के तेज बहाव के कारण पूरा गाँव टापू बन जाता है। लाचार होकर परिजनों ने गर्भवती महिला को खाट पर लिटा दिया और तीन किलोमीटर पगडंडी पर पैदल चले। गर्भवती महिला दर्द से कराहती रही।
गांव के बाहर पहुंचने के बाद ही ममता वाहन उपलब्ध हुआ, जिसके बाद उन्हें नकड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। लुकुइया गांव अनुसूचित जनजाति बहुल है। आबादी करीब तीन सौ है। इसके बावजूद गांव में सड़क, पुल और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के मौसम में मरीजों और गर्भवती महिलाओं को बाहर ले जाना काफी मुश्किल हो जाता है।
अरविंद गंझू ने कहा कि हर दो-चार दिन में किसी न किसी मरीज को खाट या पालकी पर लादकर बाहर ले जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक दोनों नदियों पर पुल का निर्माण नहीं होता, तब तक उनकी समस्या का स्थायी समाधान संभव नहीं है।
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