Chatra News: अनियंत्रित वाहन परिचालन और वायु प्रदूषण के खिलाफ बच्चों ने बीच सड़क पर लगाई क्लास, यातायात प्रभावित
शहर में बच्चों ने अनियंत्रित वाहन परिचालन और वायु प्रदूषण के खिलाफ सड़क पर क्लास लगाकर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे यातायात बाधित हो गया। बच्चों ने प्रशासन से इस समस्या पर ध्यान देने की मांग की। प्रशासन के आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।

छात्र-छात्राएं किताब- कापी लेकर बीच सड़क पर ही पढ़ाई करने बैठ गए।
संवाद सूत्र, टंडवा (चतरा)। कोयला और राख (फ्लाई ऐश) परिवहन से उत्पन्न प्रदूषण और अनियंत्रित वाहनों के परिचालन से परेशान स्कूली बच्चों का गुस्सा गुरुवार को फूट पड़ा। एनटीपीसी गेट नंबर 01 के पास सुबह स्कूल जाने के क्रम में एक तेज रफ्तार हाइवा से बाल-बाल बचने के बाद छात्र-छात्राएं किताब- कापी लेकर बीच सड़क पर ही पढ़ाई करने बैठ गए।
इस तरह बच्चों ने सड़क को ही कक्षा लगा दी और वहीं पढ़ाई करने लगे। हालांकि घंटों समझाने-बुझाने के बाद बच्चे वापस विद्यालय लौटे। इस अनोखे विरोध ने पूरे क्षेत्र का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। दरअसल सुबह विद्यालय जाने के दौरान एक अज्ञात कोल वाहन ने अचानक ब्रेक लगाने के बाद बच्चों के बिल्कुल नजदीक आकर रुक गया।
धक्का लगते-लगते बचने से बच्चे भयभीत हो उठे। इसके बाद आक्रोशित हो वे सीधे एनटीपीसी के मुख्य सड़क पर जा बैठे और पढ़ने लगे। बच्चों का कहना था कि कोयला और फ्लाई ऐश ढोने वाले वाहनों की स्पीड इतनी तेज रहती है कि किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।
बावजूद इसके प्रशासन स्थिति पर काबू पाने में नाकाम दिखाई दे रहा है। छात्र-छात्राओं ने कहा कि पब्लिक सड़क पर हर मिनट भारी वाहनों की आवाजाही होती है, जिससे प्रदूषण बढ़ता है और सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।
बच्चों का आरोप है कि क्षेत्र में तेज रफ्तार वाहनों पर कोई निगरानी नहीं है और न ही पुलिस द्वारा नियमित जांच की जाती है। उन्होंने मांग की कि कोयला व फ्लाई ऐश परिवहन करने वाले वाहनों की रफ्तार पर तत्काल नियंत्रण लगाया जाए, स्पीड लिमिट लागू हो और स्कूल समय में भारी वाहनों की आवाजाही बंद हो।
स्थानीय लोग भी बच्चों के समर्थन में सड़क पर उतर आए और कहा कि यह समस्या वर्षों से है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उनका कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है। हालांकि बाद में समझाने-बूझाने पर बच्चे वापस विद्यालय लौट गए।

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