शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न करनेवाले गुरुजी पर होगी कार्रवाई
चतरा : अब गुरुजी स्कूली छात्र-छात्राओं को शारीरिक शोषण व मानसिक प्रताड़ना नहीं करेंगे।
चतरा : अब गुरुजी स्कूली छात्र-छात्राओं को शारीरिक शोषण व मानसिक प्रताड़ना नहीं करेंगे। यदि ऐसा करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार ने सभी निजी और सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को शारीरिक दंड देने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मानव संसाधन विकास विभाग ने यह आदेश जारी कर दिया है। विस्तृत जानकारी देते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी शिवनारायण साह ने बताया कि स्कूलों में बच्चों के सही व गलत अनुशासनिक कारणों से शारीरिक दंड देना एक गलत प्रक्रिया है। बताया कि जिला में इसपर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है। इस बाबत राज्य सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दिया है। जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संशोधित एक में भी इस तरह के दंड को विद्यालयीय व्यवस्था से अलग रखा गया है। उक्त विद्यालयों को यह निर्देश भी दिया गया है कि वे अपने अधीनस्थ निजी और सरकारी विद्यालयों पर पैनी नजर रखेंगे ताकि किसी भी विद्यालय से बच्चों पर शारीरिक शोषण व मानसिक उत्पीड़न करने वाले गुरुजी की शिकायत नहीं मिले। यदि किसी विद्यालय में छात्रों को शारीरिक रूप से प्रताड़ित व मानसिक रूप से उत्पीड़न करने की खबर मिलती है तो त्वरित विभागीय कार्रवाई करने की बात कही है। बताया कि मानसिक उत्पीड़न कई प्रकार है जैसे जाति व धर्म के नाम पर उत्पीड़न करना, गरीब बच्चों के साथ अप्रिय व्यवहार करना आदि का नाम शामिल है। बताया कि अधिकांशत: अखबारों, अभिभावकों व ्रप्रधानाध्यापकों द्वारा शारीरिक दंड के कारण छात्रों के बीमार पड़ने की शिकायतें मिलती रही हैं। कई बच्चों ने तो शारीरिक दंड व मानसिक उत्पीड़न के कारण स्कूल जाना ही छोड़ देते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सभी बच्चों को सामान्य दर्जा मिलेगी। किसी के साथ कोई शारीरिक दंड व जाति-धर्म के नाम पर अत्याचार नहीं होगी।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि इस बाबत प्रदेश के टाटा शहर में शारीरिक शोषण को समाप्त करने हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के नवोदय के प्राचार्य, कस्तूरबा की शिक्षक-शिक्षिकाएं व वार्डेन भाग लिए।
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