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    Chatra News: 92 हजार खातों में अटकी है 34 करोड़ राशि, दावा करने वाले नहीं आ रहे सामने

    By Julqar Nayan Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Fri, 12 Dec 2025 05:14 PM (IST)

    चतरा में 92 हजार से अधिक खाते अदावा श्रेणी में हैं, जिनमें 34 करोड़ रुपये की राशि अटकी हुई है। जागरूकता के प्रयासों के चलते, इस राशि में से 3.32 करोड़ ...और पढ़ें

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    चतरा में वर्षों से निष्क्रिय पड़े खातों एवं बिना दावा राशि के निस्तारण को लेकर जागरूकता एवं सहायता शिविर का आयोजन किया गया।

    संवाद सहयोगी, चतरा। जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट सह प्रशिक्षण भवन में शुक्रवार को वर्षों से निष्क्रिय पड़े खातों एवं बिना दावा राशि के निस्तारण को लेकर जागरूकता एवं सहायता शिविर का आयोजन किया गया।

    यह शिविर वित्तीय सेवाएं विभाग (डीएफएस) व भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) द्वारा आयोजित था। शिविर का विधिवत उद्घाटन उपायुक्त कीर्तिश्री ने दीप प्रज्वलित कर किया। शिविर में बड़ी संख्या में लोग अपने पुराने, निष्क्रिय और बिना दावा वाले खातों से संबंधित जानकारी लेने पहुंचे।

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    शिविर को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि यह पहल आम नागरिकों के हित में एक बड़ा कदम है, जिससे बैंक में वर्षों से फंसी राशि आसानी से सही लाभुक तक पहुंच सकेगी। उन्होंने बताया कि शिविर में कई मामलों का मौके पर ही निस्तारण किया गया।

    जबकि अन्य मामलों को संबंधित बैंक शाखाओं को भेज दिया गया है, ताकि जल्द से जल्द समाधान हो सके। अधिकारियों ने बताया कि कई लोग वर्षों तक बैंक खाते का उपयोग नहीं कर पाते, जिसके कारण खाते निष्क्रिय हो जाते हैं और उनमें मौजूद राशि अदावा जमा श्रेणी में चली जाती है।

    ऐसे मामलों में सही लाभुक की पहचान और निस्तारण में देरी भी होती है। इसे देखते हुए डीएफएस और आरबीआइ ने संयुक्त रूप से लोगों तक सुविधा पहुंचाने का अभियान शुरू किया है। अधिकारियों ने शिविर में आए नागरिकों को बचत एवं चालू खातों, सावधि जमा (एफडी), आवर्ती जमा (आरडी), निष्क्रिय खातों और अदावा राशि की खोज से संबंधित विस्तृत जानकारी दी।

    साथ ही आरबीआइ के उद्गम पोर्टल पर खाता खोजने और दावा पंजीकरण की सरल एवं सुरक्षित प्रक्रिया का लाइव प्रदर्शन भी किया गया। अधिकारियों ने जिले में अदावा खातों की स्थिति साझा करते हुए बताया कि सभी बैंकों में कुल 92,430 खाते अदावा श्रेणी में दर्ज थे।

    इनमें लगभग 34.20 करोड़ रुपये की राशि वर्षों से लंबित थी। बैंकिंग संस्थानों के लगातार प्रयास से अब तक 3.32 करोड़ रुपये की राशि वास्तविक लाभुकों को वापस की जा चुकी है, जो जिले के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

    अंत में आरबीआइ के अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने बैंक खातों की स्थिति समय-समय पर जांचते रहें। खातों में नियमित लेनदेन करते रहें और किसी भी प्रकार की अदावा जमा जानकारी के लिए उद्गम पोर्टल का उपयोग अवश्य करें।

    मौके पर उप विकास आयुक्त अमरेंद्र कुमार सिन्हा, बैंक ऑफ इंडिया हजारीबाग के आंचलिक प्रबंधक नरेंद्र कुमार, अग्रणी जिला प्रबंधक अहसन अहमद, नाबार्ड के डीडीएम, जेएसएलपीएस प्रतिनिधि समेत विभिन्न बैंकों के अधिकारी उपस्थित थे।