By Jagran NewsEdited By: Piyush Pandey Updated: Sat, 24 May 2025 06:24 PM (IST)
चतरा जिले के प्रतापपुर प्रखंड में जेठ महीने में मूसलाधार बारिश हुई जिससे सूखी मोरहर नदी में अचानक बाढ़ आ गई। स्थानीय लोगों के अनुसार ऐसा नजारा उन्होंने पिछले 40 वर्षों में नहीं देखा था। बारिश से खेतों को नमी मिली है लेकिन जलस्तर में वृद्धि जलवायु परिवर्तन की ओर इशारा करती है। मौसम विभाग ने बंगाल की खाड़ी में बने दबाव को बारिश का कारण बताया है।
संवाद सहयोगी, प्रतापपुर (चतरा)। चतरा जिले के प्रतापपुर प्रखंड में शुक्रवार को जेठ महीने की दोपहर एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जिसने कई बुजुर्गों की यादें ताजा कर दी।
दोपहर करीब दो बजे से शुरू हुई मूसलधार वर्षा ने लगातार तीन घंटे तक अपना असर दिखाया। सूखी पड़ी मोरहर नदी में अचानक पानी का बहाव बढ़ गया, जो कौरा, भरही, मथुरापुर समेत कई गांवों के लोगों के लिए हैरत और चिंता का कारण बना।
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स्थानीय निवासियों के अनुसार, जेठ महीने में ऐसी बारिश और नदी का बहाव पिछले 40 वर्षों में नहीं देखा गया। कौरा गांव के निवासी कल्याण शर्मा ने कहा, नदी में अचानक पानी भर आया है। जेठ में ऐसा पहले कभी नहीं देखा। यह बदलाव मौसम की गंभीरता का संकेत है।
भरही के अजमतउल्लाह रिजवी ने बताया कि उन्होंने बुजुर्गों से सुना था कि पहले के जमाने में भी जेठ में बारिश होती थी, लेकिन अब उन्होंने खुद देखा कि किस तरह नदी ने रफ्तार पकड़ी। मौसम का मिजाज अब भरोसे लायक नहीं रहा।
मथुरापुर के बिनोद पाठक ने कहा कि बारिश अच्छी हुई है, जिससे खेतों को नमी मिली है। लेकिन मोरहर का जलस्तर बढ़ने से यह स्पष्ट है कि हमें चौकस रहने की आवश्यकता है। यदि ऐसी बारिश सावन और भादो में भी हुई, तो गांवों के किनारे खतरे में आ सकते हैं।
गौरतलब है कि बारिश से खेतों को फायदा हुआ है, और कई वर्षों बाद मई में मिट्टी में नमी लौट आई है। हालांकि, जलस्तर में यह अचानक वृद्धि जलवायु परिवर्तन की ओर भी इशारा करती है।
पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि असमय और अत्यधिक वर्षा की घटनाएं अब सामान्य होती जा रही हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में जल प्रबंधन को लेकर नई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं। मौसम विभाग ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवातीय दबाव के कारण यह बारिश हुई है, और अगले दिनों में और बारिश की संभावना है।
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