Flood: झारखंड में बाढ़ से चारों तरफ तबाही का मंजर, बिजली गिरने से 2 की मौत; नदी पार करने के दौरान बहे पति-पत्नी
चतरा जिले में मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। गिद्धौर पत्थलगड़ा कान्हाचट्टी और इटखोरी प्रखंड सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। नदियों के उफान से कई गांव जलमग्न हो गए हैं और दो सौ गांवों का संपर्क टूट गया है। नदी पार करते समय एक दंपती बह गए जिसमे पति की मृत्यु हो गई है। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है।
जागरण संवाददाता, चतरा। मूसलाधार वर्षा ने चतरा जिले में भारी तबाही मचा दी है। पहली बार जिले में बाढ़ का इतना भयावह मंजर देखने को मिला है। गिद्धौर, पत्थलगड़ा, कान्हाचट्टी और इटखोरी प्रखंड में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। नदियां उफान पर हैं और तीन दर्जन से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं।
वहीं, करीब दो सौ गांवों का संपर्क प्रखंड और जिला मुख्यालय से टूट गया है। दर्जनों की संख्या में पुल-पुलिया व सड़कें बह गई हैं।
नदी पार करने में एक दंपती बाढ़ में बह गया। जिसमें पति सत्येंद्र दांगी की मौत हो गई। पत्नी की तलाश की जा रही है। बाढ़ का पानी में बहने से करीब चार दर्जन पशुओं की मौत हो गई। पांच दर्जन से अधिक पुल-पुलिया और सड़कें बह गई।
उपायुक्त कीर्तिश्री ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं। जान माल का नुकसान नहीं हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है।
एनडीआरएफ को बुलाया जा रहा है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों पर नजर रखी जा रही है। अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक भी बुलाई गई है।
गिद्धौर में युवक की मौत, महिला लापता
गिद्धौर प्रखंड के सियारी गांव में नदी पार करने के क्रम में दंपती बह गए। पति सत्येंद्र दांगी का शव बरामद कर लिया गया, जबकि उनकी पत्नी अब भी लापता है। खोजबीन में ग्रामीणों के साथ प्रशासन भी जुटा हुआ है।
वहीं, गिद्धौर के अलग-अलग इलाकों में तीन दर्जन से अधिक मवेशियों की मौत हो गई है। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
वज्रपात से दो की मौत
तेज वर्षा के साथ हुए वज्रपात में पत्थलगड़ा प्रखंड में दो युवकों की मौत हो गई। खैर गांव में वज्रपात होने से होमगार्ड जवान केशव कुजूर की मौत हो गई। जबकि नुंनगांव के परमेश्वर साव की भी मौत वज्रपात की चपेट में आने से हो गई।
इस प्रकार बाजोबार के लालो कर्मी का दो भैंस की भी मौत वज्रपात से हो गई। इसी प्रकार श्यामलाल दांगी का एक बैल पानी में बह जाने के कारण मौत हो गई।
जान बचाने के लिए छत का सहारा
पानी का बहाव जब तेज हुआ, तो इटखोरी के पीतिज गांव के ग्रामीण अचंभित हो गए। देखते-देखते पानी घरों में घुसने लगा। लोग घरों के अंदर से निकल कर मवेशियों के साथ छतों पर चले गए। चतरा–इटखोरी मुख्य मार्ग पितीज के पास मुन्ना यादव का दो मंजिला मकान का आधा हिस्सा डूब चुका है। परिवार के लोग छत पर शरण लिए हुए हैं।
जरूरत का सामान भी छत पर ही ले गए हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि सुबह करीब छह बजे धीरे-धीरे पानी बढ़ने लगा और बाढ़ का रूप ले लिया। कई परिवारों ने छत और ऊपरी मंजिल पर शरण ली है। बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने में लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
गांवों का टूटा संपर्क, बिजली आपूर्ति ठप
बाढ़ का असर इतना गहरा है कि कई गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है। मिट्टी के बांध और आहर को तोड़कर पानी निकासी की कोशिश की जा रही है, ताकि गांवों में जलजमाव कम हो सके। वहीं, बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है।
दर्जनों ट्रांसफार्मर जल गए और खंभे गिरने से गांव व कस्बे अंधेरे में डूबे हुए हैं। मोबाइल नेटवर्क और संचार व्यवस्था भी प्रभावित है।
मध्य रात्रि को तेज वर्षा होने के साथ आपूर्ति व्यवस्था ठप थी। सुबह को आठ-नौ बजे आपूर्ति व्यवस्था कुछ मिनटों के लिए हुई। लेकिन उसके बाद व्यवस्था चमरा गई। झारखंड बिजली वितरण निगम के अधिकारी व कर्मी आपूर्ति को बहाल करने में जुटे हुए हैं।
राहत व बचाव कार्य में जुटा प्रशासन
बढ़ते संकट को देखते हुए उपायुक्त कीर्तिश्री खुद गिद्धौर पहुंचीं और राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने एनडीआरएफ की टीम को बुलाने के लिए पत्र लिखा है। साथ ही उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर अधिकारियों को राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं।
प्रभावित गांवों में अस्थायी शिविर बनाए जा रहे हैं। ताकि ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की समस्या से दो-चार नहीं होना पड़े। डीसी ने कहा कि स्थिति सामान्य होने के बाद क्षति का आकलन किया जाएगा।
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