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    सिस्टम के आगे बेबस पिता; अपने लाल को कंधे पर उठाकर 7 KM पैदल चला, नहीं पहुंची एंबुलेंस

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 04:46 PM (IST)

    चतरा जिले के कुब्बा गांव में सड़क न होने से एक बच्चे की तालाब में डूबने से मौत हो गई। एंबुलेंस और पुलिस के न पहुंच पाने पर पिता शव को कंधे पर लेकर 7 कि.मी. पैदल चलने को मजबूर हुआ। गांव में बुनियादी सुविधाओं की कमी से लोग परेशान हैं। पहले भी सड़क के अभाव में कई जानें जा चुकी हैं।

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    मासूम की लाश कंधे पर उठाकर सात किमी चला बेबस पिता

    संवाद सहयोगी, चतरा। जिले के प्रतापपुर प्रखंड के कुब्बा गांव में बुनियादी सुविधाओं की घोर कमी एक बार फिर सामने आई है। गुरुवार को गांव के 10 वर्षीय अजय कुमार की तालाब में डूबने से मौत हो गई। परिजनों ने एंबुलेंस को सूचना दी, लेकिन गांव तक पक्की सड़क नहीं होने के कारण वाहन वहां तक नहीं पहुंच सका।

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    पुलिस की गाड़ी भी लोहड़ी पंचायत के फटियाही टोला में ही रुक गई, जो कुब्बा से करीब सात किलोमीटर दूर है। इस विषम परिस्थिति में मृत बच्चे के पिता भोला गंझू ने बेटे के शव को कंधे पर उठाया और पहाड़ी पगडंडी, जंगल और कीचड़ भरे रास्तों से होते हुए फटियाही तक सात किलोमीटर पैदल यात्रा की।

    यह दृश्य जितना मार्मिक था, उतना ही प्रशासनिक तंत्र की विफलता का प्रतीक भी। कुब्बा जैसे सुदूर गांवों में सड़क, परिवहन और स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बेहद दयनीय है। गांव में बिरहोर, भोक्ता और गंझू समुदाय के लोग निवास करते हैं, जिन्हें हर रोज समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। 

    पहले भी हो चुकी है घटना 

    प्रतापपुर प्रखंड में यह कोई पहला मामला नहीं है। 23 जुलाई को भूगाड़ा गांव में सड़क के अभाव में एक गर्भवती महिला की जान चली गई। वहीं, हिंदिया खुर्द में एक महिला ने जंगली रास्ते में ही बच्चे को जन्म दिया, क्योंकि एंबुलेंस नदी पार नहीं कर सकी। 

    स्थानीय लोगों का कहना है कि बार-बार निवेदन के बावजूद प्रशासन ने अब तक गांव तक सड़क नहीं बनवाई। जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।