मानसून की बारिश में जलजमाव, बढ़ी परेशानी
बोकारो गर्मी से परेशान लोगों को मानसून की पहली बारिश से राहत तो मिली है। वहीं शहर
बोकारो : गर्मी से परेशान लोगों को मानसून की पहली बारिश से राहत तो मिली है। वहीं शहर में जगह-जगह जलजमाव होने से परेशानी बढ़ गई है। शनिवार की सुबह छह बजे से शुरू हुई बारिश से नगर निगम द्वारा की गई तैयारियों की पोल खुल गई। मूसलाधार बारिश शुरू होते ही चास के कई मुहल्लों में गंदा पानी सड़क पर प्रवाहित होने लगा। पैदल चलने वाले व वाहन चालक सड़क पर बह रहे गंदे पानी के बीच आवागमन करने के लिए मजबूर हो गए। चास सहित बोकारो के चौक-चौराहों पर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। चास के बभनिया गली एवं सुखदेव नगर में काफी जलजमाव देखने को मिला। कई घरों में बारिश का पानी प्रवेश कर गया। मानसून की पहली बारिश में ही लोग परेशान हो उठे। बोकारो के भी कई सेक्टरों में जगह-जगह जलजमाव की स्थिति देखने को मिली। स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर निगम ने नाली की सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की है। सड़क के दोनों ओर नाली है। फिर भी बारिश के पानी की निकासी नहीं हो रही है। सुबह करीब छह बजे से बारिश शुरू होने से पूर्व ही आसमान में काले बादल छा गए और तेज हवा चलने लगी। देखते ही देखते चारों ओर दिन में अंधेरा छा गया। सड़क पर आवागमन कर रहे वाहनों के हेडलाइट जल उठे।
----------
बारिश का मजा लें पर बरतें सावधानी : बारिश के मौसम की जहां अपनी खूबियां हैं वहीं, इस सीजन में लापरवाही बरतने पर स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी पैदा हो जाती हैं। बरसात में उमस और मौसम में अचानक बदलाव होने के कारण सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार और फ्लू की समस्याओं के मामले काफी बढ़ जाते हैं। किसी गंभीर या फेफड़ों की बीमारी जैसे दमा और न्यूमोनिया से ग्रस्त लोगों का इम्यून सिस्टम आमतौर पर कमजोर होता है। ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. एनपी सिंह ने बताया कि बरसात का मौसम कानों के लिए खराब होता है। इस मौसम में कान के बाहरी भाग में जीवाणु और फंगल इंफेक्शन बढ़ जाता है। वहीं, कान के बीच वाले भाग में ओटाइटिस मीडिया नामक संक्रमण भी बढ़ जाता है। कान की पुरानी बीमारियां जो अन्य मौसमों में दबी रहती हैं, वे भी मानसून में परेशान करने लगती हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।